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भाजपा ने सिखों से माफी मांगी और विवादित संदीप दायमा को निकाला

भाजपा ने रविवार को राजस्थान भाजपा के नेता संदीप दायमा को पार्टी से निष्कासित कर दिया। संदीप ने एक चुनावी रैली के दौरान तिजारा विधानसभा क्षेत्र में गुरुद्वारों और मस्जिदों को "मिटाने" का आह्वान किया था। हालांकि दायमा के बयान का वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा ने सिखों से माफी मांग ली थी लेकिन पंजाब में अकाली दल ने इसे मुद्दा बना दिया और भाजपा को अब यह कार्रवाई करना पड़ी।
चुनाव आयोग ने भी संदीप दायमा के बयान का संज्ञान लिया और उन्हें नोटिस जारी किया। किसी मुस्लिम संगठन ने दायमा के बयान का संज्ञान नहीं लिया लेकिन सिखों ने लिया। देशभर में इसकी व्यापक प्रतिक्रिया हुई। कई जगहों पर भाजपा नेताओं को सिखों के धार्मिक नेताओं ने खरी-खोटी सुनाई।
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मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भाजपा नेता दायमा ने बुधवार को भाजपा के तिजारा उम्मीदवार और अलवर के मौजूदा सांसद बालक नाथ के लिए प्रचार करते हुए विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा: “किस तरह से इतनी मस्जिदें, किस तरह से गुरुद्वारे यहां पर बन गए हैं! ये आगे चलकर हमारे लिए नासूर बन जाएंगे। इसलिए हमारा सबका धर्म भी बनता है कि इस नासूर को यहां से उखाड़ कर फेंकें, और बाबा बालक नाथ जी को भारी मतों से जिताएंगे। इसलिए हमारा कर्तव्य है कि इस नासूर को उखाड़कर फेंक दें।
विवाद जब शांत नहीं हुआ तो रविवार को भाजपा ने अलवर के इस नेता को पत्र भेजकर पार्टी की विचारधारा के खिलाफ बोलने पर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। पत्र पर भाजपा की राज्य अनुशासन समिति के प्रमुख ओंकार सिंह लाखावत द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
शनिवार को वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दायमा को निष्कासित करने की मांग की थी। उनकी बेटी और राज्य महिला मोर्चा की अध्यक्ष जय इंदर कौर ने रविवार को चंडीगढ़ में भाजपा नेता दायमा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पंजाब भाजपा प्रमुख सुनील जाखड़ ने भी रविवार को भाजपा नेता की टिप्पणी की निंदा करते हुए ट्वीट किया, "राज्य भाजपा इकाई ने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी विकल्प तलाशने की सिफारिश की है कि इस तरह के बयान की पुनरावृत्ति न हो क्योंकि कोई भी माफी इस असंवेदनशील टिप्पणी के कारण हुए दुख और गुस्से को कम नहीं करेगी।"
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गुरुवार को दायमा ने गुरुद्वारे में जाकर सेवा करने के अलावा एक माफी वीडियो भी जारी किया। लेकिन उन्होंने यह कहकर और अधिक आलोचना झेली कि उनका आशय मदरसों से था, गुरुद्वारों से नहीं। सिखों की सर्वोच्च संस्था अकाल तख्त ने भी भाजपा को काफी लताड़ा। 
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क़मर वहीद नक़वी
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