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विदेश यात्रा में भारत का अपमान करना राहुल गांधी की आदत: बीजेपी

बीजेपी ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर में राहुल गांधी द्वारा एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाए जाने को भारत का अपमान क़रार दिया है। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया है कि राहुल गंधी अपमान तो प्रधानमंत्री मोदी का करना चाहते हैं लेकिन विदेशों में भारत को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। 

केंद्रीय मंत्री ने राहुल के कार्यक्रम को प्रायोजित बताते हुए कहा है वह विदेश में क्या पाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल जब जब विदेश गए तो उन्होंने देश पर प्रश्न-चिह्न खड़े किए। उन्होंने कहा कि एक तरफ़ तो भारत के बढ़ते कदमों की चर्चा दुनिया करती है, भारत में भविष्य देखती है और दूसरी तरफ़ कांग्रेस और राहुल इसको हजम नहीं कर पाते हैं।

अनुराग ठाकुर ने बयान में कहा है, "पीएम मोदी ने हाल ही में अपनी विदेश यात्रा के दौरान लगभग 24 पीएम और दुनिया के राष्ट्रपतियों से मुलाकात की और 50 से अधिक बैठकें कीं। दुनिया के कई नेताओं का कहना है कि मोदी सबसे लोकप्रिय नेता हैं। जब ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा 'पीएम मोदी इज द बॉस', राहुल गांधी यह पचा नहीं पाते।"

केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'राहुल गांधी विदेशों में कह रहे 80 के दशक में दलितों पर, अनुसूचित जाति के परिवारों पर अत्याचार होता था। राहुल जी यह बताना भूल गये कि तब देश और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। राहुल जी बताएँ क्या दलितों, अनुसूचित जाति के लोगों व अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को कांग्रेस का संरक्षण मिला था?'

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उनकी यह प्रतिक्रिया तब आई है जब अमेरिका के छह दिन के दौरे पर पहुँचे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि "भारत ऐसे लोगों के समूह द्वारा चलाया जा रहा है जो 'पूरी तरह से आश्वस्त' है कि वे सब कुछ जानते हैं। वे भगवान के साथ बैठ सकते हैं और उन्हें तमाम चीजों के बारे में समझा सकते हैं। भारत के प्रधानमंत्री 'एक ऐसा ही नमूना' हैं।' 

राहुल ने कहा, 'मुझे लगता है कि अगर आप मोदीजी को भगवान के बगल में बिठाते हैं, तो मोदीजी भगवान को समझाना शुरू कर देंगे कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है।'

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राहुल गांधी ने कहा कि गरीब और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग आज अपने आप को असहाय महसूस करते हैं। भारतीय एक-दूसरे से नफरत करने में विश्वास नहीं रखते। सिस्टम और मीडिया को नियंत्रित करने वाले लोगों का एक छोटा समूह नफरत की आग भड़का रहा है।

जाति जनगणना के मुद्दे पर राहुल ने कहा, 'जब हम सत्ता में थे, तब हमने जातिगत जनगणना कराई थी। जातिगत जनगणना के पीछे का विचार भारतीय समाज का एक्स-रे करना था ताकि यह पता लगाया जा सके कि समाज की सटीक आबादी क्या है, विभिन्न समुदायों और विभिन्न जातियों के कितने लोग हैं। इसलिए आबादी को जाने बिना और कौन कौन है, धन और शक्ति को प्रभावी ढंग से वितरित करना मुश्किल है।'

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क़मर वहीद नक़वी
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