राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से नफरत का खुला प्रदर्शन करने वाले कथित बाबा कालीचरण के समर्थन में बीजेपी नेता खुलकर आ गए हैं। गांधी से नफरत का यह स्तर बीजेपी ने इससे पहले कभी नहीं दिखाया था। एमपी और छत्तीसगढ़ के नेता खुलकर गोडसेवादी कालीचरण का समर्थन कर रहे हैं।
महात्मा गांधी को अपशब्द कहने वाले कालीचरण को लेकर बीजेपी सक्रिय हो गई है। पूर्व मंत्री उसके समर्थन में बयान दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ के तमाम बीजेपी नेताओं ने उसे रिहा करने का अभियान छेड़ दिया है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कालीचरण पर देशद्रोह की धारा भी लगा दी है।
बीजेपी नेता गांधी जी के हत्यारे गोडसे के पक्ष में प्रत्यक्ष तौर पर कभी खड़े नहीं हुए। आरएसएस भी गोडसे के समर्थन में प्रत्यक्ष रूप से नहीं उतरता। प्रधानमंत्री भारत से लेकर विदेशों तक में गांधी जी के कसीदे पढ़ते हैं लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि बीजेपी खुलकर एक ऐसे शख्स का समर्थन कर रही है, जिसने महात्मा गांधी को सार्वजनिक रूप से गाली दी और हत्यारे गोडसे को मंच से प्रणाम किया।
छत्तीसगढ़ की धर्म संसद में कई साधुओं के साथ कालीचरण भी शामिल हुआ था। नीलकंठ सेवा संस्थान के इस कार्यक्रम में कालीचरण ने गांधी जी को अपशब्द कहते हुए गोडसे का महिमामंडन किया था। उसने मुसलमानों और इस्लाम के खिलाफ भी गलत बयानी की। उसके खिलाफ छत्तीसगढ़ और ठाणे (महाराष्ट्र) में केस दर्ज किया। छत्तीसगढ़ पुलिस ने उसे एमपी से गिरफ्तार कर लिया।
पूर्व मंत्री खुलकर सामने आए
बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कालीचरण के लिए महाराज का शब्द का इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया है कि ऐसी कार्रवाई शासन का दुरुपयोग है। गांधी जी के सिद्धांतों के विरुद्ध है। अग्रवाल की ही तरह बीजेपी के अन्य नेता भी बयानबाजी कर रहे हैं।
अग्रवाल के इस बयान पर लोगों ने सोशल मीडिया पर ही कालीचरण और उन्हें लेकर आरोपों की झड़ी लगा दी है। कई लोगों ने बृजमोहन से पूछा है कि जब यह शख्स गांधी जी को गालियां दे रहा था, तब अग्रवाल कहां थे। उस समय उन्होंने क्यों नहीं उसे चुप कराया। एक शख्स ने लिखा है कि वो बृजमोहन अग्रवाल का समर्थक रहा है लेकिन इस घटना ने उसे उनसे दूर कर दिया है।
मध्य प्रदेश के नेता भी सक्रिय
मध्य प्रदेश बीजेपी के नेता भी कालीचरण के समर्थन में अभियान चला रहे हैं। राज्य सरकार के मंत्री भी उसके समर्थन में बयान दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई पर गुरूवार को मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सवाल उठाये।
उन्होंने दो टूक कहा, ‘कालीचरण की गिरफ्तारी के तरीके पर मध्य प्रदेश को सख्त आपत्ति है। छत्तीसगढ़ ने संघीय ढांचे की व्यवस्थाओं और मर्यादाओं का उल्लंघन किया है। छत्तीसगढ़ पुलिस चाहती तो नोटिस देकर उन्हें ले जा सकती थी। मध्य प्रदेश की पुलिस से मदद मांगकर भी उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता था।’
मिश्रा यहीं नहीं रूके और उन्होंने कहा, ‘मध्य प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि पूरे मामले को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस के डीजीपी से बात करें। जवाब मांगें।’ मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने पूरे विवाद से जुड़े सवालों के जवाब में कहा, ‘सबसे पहले इस बात का पता लगाना चाहिए रायपुर में हुई धर्मसंसद का आयोजक कौन था?’
अग्रवाल ने कहा, ‘कांग्रेस गांधी से ज्यादा गोडसे की बात करती है। गोडसे की बात करने से राजनीतिक लाभ कांग्रेस को होता है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने रायपुर में ही बाबा को क्यों नहीं पकड़ा? क्यों वहां से जाने दिया?’