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विधानसभा चुनाव जीतने वाले सांसद इस्तीफे के बाद पीएम से मिले।फोटो साभार: ट्विटर/राज्यवर्धन सिंह राठौड़

बीजेपी नये चेहरों को सीएम बना सकती है; 10 सांसदों का इस्तीफा

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि बीजेपी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के लिए नये चेहरे को ला सकती है। इसने हाल ही में तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की है। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि बीजेपी तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री पद के ले नये चेहरों को ज़िम्मेदारी देगी।

नये चेहरों की रिपोर्ट तब सामने आ रही है जब बीजेपी नेता मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान निर्वतमान में सीएम हैं, वसुंधरा राजे राजस्थान में पूर्व सीएम रही हैं और रमन सिंह भी छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रहे हैं। इस बार बीजेपी ने तीनों राज्यों में 21 सांसदों को टिकट दिया है। इनमें से 12 सांसदों ने राज्य चुनाव में जीत हासिल की और उनमें से 10 ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया।

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चुनाव जीतने वाले सांसदों में नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, उदय प्रताप और रीति पाठक, अरुण साव, रेणुका सिंह, गोमती साई, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी, बाबा बालकनाथ और किरोड़ी लाल मीणा शामिल हैं।

चुनाव जीतने वाले 12 भाजपा सांसदों में से दस ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद पटेल भी शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार जिन दो लोगों ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है उनमें राजस्थान के अलवर से बाबा बालकनाथ और छत्तीसगढ़ के सरगुजा से रेणुका सिंह शामिल हैं।

माना जा रहा है कि बुधवार को संसद छोड़ने वाले भाजपा नेताओं में से कई उन तीन राज्यों के मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में हैं। उनके इस्तीफों से अटकलें तेज हो गई हैं कि पार्टी जल्द ही सीएम पद के लिए नामों की घोषणा कर सकती है। 
सीएम चुनने के लिए दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर पर लगभग पांच घंटे की बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा शामिल हुए।

अब जिन नये नामों पर चर्चा चल रही है उसमें राजस्थान में बाबा बालकनाथ, किरोड़ी लाल मीणा और दीया कुमारी अशोक गहलोत के उत्तराधिकारी की दौड़ में सात बड़े नामों में शामिल हैं। छत्तीसगढ़ में भी ऐसे ही कुछ नये नामों पर चर्चा की जा रही है। 

मध्य प्रदेश में पटेल और तोमर सरकार का नेतृत्व करने की दौड़ में हैं। एक दिन पहले ही मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि 'मैं पहले भी सीएम दावेदार नहीं था, आज भी नहीं हूं और बाद में भी सीएम दावेदार नहीं रहूंगा। बीजेपी कार्यकर्ता किसी खास पद के लिए नहीं बल्कि बड़े मिशन के लिए काम करते हैं। हमें जो भी मिशन या काम मिलता है, हम उसे ईमानदारी से करते हैं।' 

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शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि मेरा एक ही संकल्प है, अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी एमपी की सभी 29 सीटें जीतनी चाहिए। 

मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले ही भाजपा आलाकमान ने स्पष्ट कर दिया था कि शिवराज सिंह चौहान सीएम पद का चेहरा नहीं होंगे। एमपी में पूरा चुनाव मोदी-अमित शाह के सहारे लड़ा। लेकिन अब जब एमपी में भाजपा का प्रचंड बहुमत आया है तो इस पद के लिए कई नेता अंदर ही अंदर दावेदारी कर रहे हैं। इस मामले में कैलाश विजयवर्गीय का भी बयान आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि लाडली योजना का जीत में कोई योगदान नहीं और पीएम मोदी के चेहरे पर जीत मिली है। 

दरअसल, बीजेपी ने इस बार राज्यों में सीएम का चेहरा सामने रखा ही नहीं था। इसने पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा। प्रधानमंत्री मोदी रैलियों में भी यही कहते फिरते थे कि बीजेपी का चुनाव चिह्न ही चेहरा है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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