भाजपा की परेशानी
जयंत सिन्हा को लेकर भाजपा काफी परेशान है। दरअसल, जयंत के बेटे आशीष सिन्हा ने झारखंड के बरही में इंडिया गठबंधन की एक चुनावी रैली में हिस्सा लिया था। इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे। रैली में आशीष सिन्हा ने कांग्रेस प्रत्याशी जेपी पटेल को अपना समर्थन भी दिया। इसका असर मतदाताओं पर भी पड़ा। इस घटनाक्रम के बाद से ही भाजपा नाराज थी।
मोदी ने जब जयंत सिन्हा को अपने मंत्रिमंडल से हटाया था, तभी से सिन्हा ने पार्टी से दूरी बनाना शुरू कर दी थी। वो जानते थे कि हजारीबाग सिन्हा खानदान का गढ़ रहा है। इसलिए मार्च में जयंत सिन्हा ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर भाजपा पर अपना दबाव बना दिया। सिन्हा ने भाजपा नेतृत्व से उन्हें चुनावी राजनीति से मुक्त करने का अनुरोध भी किया। जयंत सिन्हा और उनके पिता यशवंत सिन्हा ने 1998 से 26 वर्षों से अधिक समय तक हजारीबाग का प्रतिनिधित्व किया है। भाजपा सिन्हा खानदान की ताकत जानती है। इसलिए अब पार्टी यशवंत सिन्हा की तरह उनके बेटे से भी छुटकारा पाना चाहती है। लेकिन इस कारण बताओ नोटिस का जयंत सिन्हा पर शायद ही कोई असर पड़े।
इस बीच भाजपा ने धनबाद विधायक राज सिन्हा को लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार के खिलाफ उनके बयान के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। कुल मिलाकर झारखंड में भाजपा को कई तरफ से बगावत का सामना करना पड़ रहा है। उसका पूरा चुनाव संचालन लड़खड़ा गया है।