कांग्रेस कार्य समिति की गुरुवार बैठक का इस्तेमाल अगले महीने राहुल गांधी के नेतृत्व वाली पूर्व से पश्चिम भारत जोड़ो यात्रा के लिए मंच तैयार करने के लिए किया गया। सीडब्ल्यूसी के 76 सदस्यों में से अधिकांश ने राहुल को फिर से बाहर निकलने के लिए प्रोत्साहित किया। हालाँकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कुछ सदस्यों ने यात्रा के समय पर सवाल उठाए, उनका सवाल था कि क्या लोकसभा चुनाव के दौर में भारत जोड़ो यात्रा निकालना ठीक होगा। कुल मिलाकर यह बैठक राहुल के गुणगान तक सीमित रही।
सीडब्ल्यूसी ने किसी तारीख की घोषणा नहीं की, लेकिन यात्रा जनवरी के दूसरे सप्ताह से होने की उम्मीद है और ज्यादातर बस और शहरी इलाकों में पैदल यात्रा होगी। इसकी शुरुआत मणिपुर या अरुणाचल से हो सकती है और फरवरी के अंत में गुजरात में समाप्त हो सकती है। एक सदस्य ने कहा कि राम मंदिर उद्घाटन के लिए भाजपा के नेरेटिव का काउंटर राहुल की दूसरी यात्रा ही कर सकती है। यह भी सतर्कता बरतनी होगी कि कहीं भाजपा इसका इस्तेमाल राम मंदिर के विरोध में न करने लगे। इसलिए कांग्रेस को इस यात्रा के जरिए सिर्फ अपनी विचारधारा का प्रचार करना चाहिए। एक सदस्य ने सुझाव दिया कि यात्रा मिजोरम, ओडिशा जैसे राज्यों को छोड़कर वहां पहुंचनी चाहिए, जहां पार्टी को कुछ उम्मीद हो।
सूत्रों के मुताबिक सीडब्ल्यूसी की बैठक में जब राज्यों में हार के लिए कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और भूपेश बघेल को निशाना बनाया जा रहा था तो उसी समय शशि थरूर ने कहा कि पार्टी को बिना किसी देरी के संसदीय चुनावों के लिए उम्मीदवारों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि पार्टी को उन सीटों की पहचान करनी चाहिए जिन पर चुनाव लड़ना तय है, उन उम्मीदवारों की पहचान करनी चाहिए जिन्हें मैदान में उतारा जाना निश्चित है, और उनकी पहचान करनी चाहिए ताकि वे जमीन पर उतर सकें और काम करना शुरू कर सकें।
सदस्य मनीष तिवारी ने थरूर की बातों का समर्थन किया और कहा कि पार्टी को अपने संदेश में स्पष्टता होनी चाहिए जो वह देना चाहती है और जो आम चुनाव अभियान के लिए वह तैयार करना चाहती है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि पार्टी को अब अतीत पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय लोकसभा की लड़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
कई नेताओं ने कहा कि पार्टी को अपने इंडिया सहयोगियों के साथ सीट-बंटवारे की बातचीत जल्द से जल्द पूरी करनी चाहिए और जमीन पर उतरना चाहिए। खड़गे ने बैठक में तत्परता दिखाते हुए कहा कि घोषणापत्र समिति का गठन शुक्रवार तक कर दिया जाएगा। यानी 22 दिसंबर को घोषणापत्र समिति का ऐलान हो जाएगा।
चार घंटे की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, एआईसीसी के संगठन प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी बिना किसी देरी के चुनाव मोड में आने जा रही है। लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का फैसला जल्द ही किया जाएगा। इसी माह स्क्रीनिंग कमेटी का गठन हो जाएगा। हम गलतियों से सीखने को फिर तैयार हैं।
अयोध्या जाएंगे या नहीं
पत्रकारों ने सवाल किया कि जिस तरह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी को राम मंदिर ट्रस्ट ने निमंत्रित किया है, क्या ये दोनों नेता अयोध्या जाएंगे, वेणुगोपाल ने कहा- “आप इसके बारे में जानते हैं।...पार्टी का रुख क्या है। 22 जनवरी को आपको पता चल जाएगा कि कौन भाग ले रहा है... उन्होंने हमें आमंत्रित किया। हमें आमंत्रित करने के लिए हम उनके बहुत आभारी हैं।”
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