उपराष्ट्रपति धनखड़
विपक्ष और सरकार के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। संसद परिसर में टीएमसी के निलंबित सांसद कल्याण बनर्जी ने मंगलवार को राज्यसभा सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल उतारी और उस मिमिक्री की कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वीडियो बना ली। भाजपा ने इस पर आपत्ति जताई है लेकिन उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राज्यसभा में इस पर विस्तृत बयान दिया है। धनखड़ ने इसे जाट समुदाय की इज्जत से भी जोड़ दिया है। सदन में दिया गया उपराष्ट्रपति का बयान यहां पेश किया जा रहा है।
सभापति धनखड़ ने राज्यसभा में कहा- मैंने सदन स्थगित कर दिया है। ...आप नहीं जानते कि लोगों के मन में इस संस्था के ख़िलाफ़ किस तरह की प्रतिक्रिया है और हमें निम्नतम स्तर देखने का अवसर मिला।
धनखड़ ने अपने बयान में कांग्रेस के पी. चिदंबरम का नाम लेते हुए कहा- चिदंबरम जी, आप बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं। कल्पना कीजिए कि मेरे दिल पर क्या बीत रही होगी जब आपके वरिष्ठ नेता एक संसद सदस्य को चेयरमैन की संस्था का मजाक उड़ाते हुए वीडियोग्राफी कर रहे होंगे, जैसा कि एक व्यक्ति मेरे बारे में सोचता है।
किसान के रूप में मेरी पृष्ठभूमि को न समझें, समुदाय (जाट) के सदस्य के रूप में मेरी पृष्ठभूमि को न लें।
धनखड़ ने कहा- चेयरमैन की संस्था को तहस-नहस कर दिया गया है और वह भी एक राजनीतिक दल द्वारा, जो इतनी आगे बढ़ गई है कि एक वरिष्ठ सांसद, दूसरे सदस्य की वीडियोग्राफी करता है। किसलिए? मैंने कष्ट उठाया था, मैं आपको बताता हूं।
चिदंबरम जी, इंस्टाग्राम पर आपकी पार्टी ने एक वीडियो डाला था जिसे बाद में वापस ले लिया गया। यह मेरे लिए शर्म की बात थी। आपने मुझे अपमानित करने, मेरा अपमान करने, एक किसान के रूप में मेरी पृष्ठभूमि का अपमान करने, एक जाट के रूप में मेरे पद का अपमान करने, एक अध्यक्ष के रूप में मेरे पद का अपमान करने के लिए प्रवक्ता के आधिकारिक ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल किया। ये बहुत गंभीर मुद्दे हैं।
बता दें कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगने के बाद विपक्ष केंद्रीय गृह मंत्री से सदन में आकर बयान देने की मांग कर रहा है। पिछले गुरुवार से विपक्षी सांसद इस मुद्दे को संसद में उठाना चाहता है लेकिन सरकार किसी भी सांसद के नोटिस का जवाब नहीं देना चाह रही है। विपक्ष की मांग है कि संसद के अंदर घुसकर प्रदर्शन करने वालों को पास देने के जिम्मेदार भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा पर कार्रवाई की जाए। लेकिन सरकार ने विपक्ष की किसी भी मांग को स्वीकार नहीं किया।