loader

चुनाव आयोग जागा...मोदी और राहुल गांधी के बयानों पर 29 अप्रैल तक जवाब मांगा

देश के तमाम विपक्षी दल काफी समय से प्रधानमंत्री मोदी पर साम्प्रदायिक भाषण देने का आरोप लगा रहे हैं। इस संबंध में कांग्रेस, सीपीएम और अन्य दलों-संगठनों ने चुनाव आयोग में शिकायत की। सीपीएम ने एफआईआर कराने की कोशिश की। पत्रकार कुर्बान अली भी इस संबंध में एफआईआर कराने पहुंचे लेकिन चुनाव आयोग पर कोई असर नहीं पड़ा। वो कानों में तेल डाले बैठा रहा। पीटीआई ने गुरुवार दोपहर को खबर दी है कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने अब पीएम मोदी के साथ-साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी उनके बयानों पर जवाब मांगने का फैसला किया है। चुनाव आयोग ने दोनों नेताओं से 29 अप्रैल को 11 बजे तक जवाब देने को कहा गया है। चुनाव आयोग अकेले पीएम मोदी को नोटिस भेजने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। इसलिए राहुल को भी इसमें शामिल किया गया।  
पीएम मोदी का मुसलमानों और कांग्रेस को टारगेट करने वाला बयान अंतरराष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियां बन गया था। सभी ने इस संबंध में मोदी और चुनाव आयोग से सवाल किए थे। कई विदेशी मीडिया आउटलेट ने चुनाव आयोग से टिप्पणी मांगी थी लेकिन आयोग ने चुप्पी साधे रखी। जब उसे राहुल गांधी के खिलाफ भी भाजपा का ज्ञापन मिल गया तो वो फौरन सक्रिय हो गया और संतुलन बनाते हुए उसने दोनों नेताओं को नोटिस भेज दिया।  
ताजा ख़बरें

इस संबंध में चुनाव आयोग का नियम जानिए। ईसीआई ऐसे मामलों में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 77 के तहत कार्रवाई करती है। जिसमें किसी पार्टी के स्टार प्रचारक के बयान विवाद उठने के बाद पहले कदम के रूप में पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार ठहरा कर नोटिस भेजा जाता है। इस संबंध में चुनाव आयोग के किसी नेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का अधिकार नहीं है। लेकिन चुनाव आयोग चाहे तो वो स्टार प्रचारक को सीधे चेतावनी दे सकती है। यहां यह बताना जरूरी है कि चुनाव आयोग ने अभी तक 2024 में मोदी को उनके किसी बयान के लिए सीधी चेतावनी नहीं दी है। लेकिन उसने राहुल गांधी के हेलिकॉप्टर की जांच करा ली। जबकि आरजेडी के तेजस्वी यादव ने जेपी नड्डा पर विमान के जरिए कथित बैग ले जाने का आरोप लगाया है। ऐसा ही आरोप मोदी और अमित शाह के लिए कांग्रेस ने भी लगाया है लेकिन चुनाव आयोग ने मोदी और शाह के विमानों की जांच नहीं कराई। 2019 के आम चुनाव में ऐसी जुर्रत एक आईएएस ने पीएम मोदी के विमान की तलाशी लेकर की थी, उसे चुनाव आयोग ने निलंबित कर दिया था।

चुनाव आयोग ने पीएम मोदी और राहुल गांधी द्वारा कथित मॉडल कोड उल्लंघन की जानकारी बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ साझा की। ईसीआई ने उनसे 29 अप्रैल को सुबह 11 बजे तक जवाब मांगा है। नोटिस जारी करते समय, ईसीआई ने कहा कि उच्च पदों पर बैठे लोगों के अभियान भाषण अधिक घातक हैं। चुनाव आयोग ने नोटिस में कहा है- "राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों, विशेष रूप से स्टार प्रचारकों के आचरण के लिए प्राथमिक और जरूरी जिम्मेदारी लेनी होगी। उच्च पदों पर बैठे लोगों के अभियान भाषण अधिक गंभीर परिणाम देने वाले होते हैं।"

कांग्रेस ने 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक रैली में प्रधानमंत्री की टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। रैली में, पीएम मोदी ने मुस्लिम समुदाय की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह देश की संपत्ति को "घुसपैठियों" (मुस्लिमों) और "जिनके पास अधिक बच्चे हैं" के बीच वितरित कर सकती है। प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बाद की रैलियों में आरोपों को दोहराया है। वो अभी भी दोहरा रहे हैं। वो यह तक झूठ कह रहे हैं कि ये बातें कांग्रेस के घोषणापत्र में लिखी हैं। लेकिन यह तथ्य सामने आ चुका है कि कांग्रेस के घोषणापत्र में ऐसा कोई जिक्र नहीं है।

राजनीति से और खबरें
दूसरी ओर, भाजपा ने देश में गरीबी बढ़ने के राहुल गांधी के दावे पर उनके खिलाफ "कड़ी कार्रवाई" की मांग करते हुए चुनाव आयोग से संपर्क किया। बीजेपी ने राहुल गांधी पर भाषा और क्षेत्र के आधार पर भारत के उत्तर और दक्षिण के बीच दरार पैदा करने का भी आरोप लगाया है। सूत्रों ने बताया कि जहां कांग्रेस ने चुनाव आयोग को मोदी के भाषणों के सबूत सौंपे हैं, वहीं भाजपा ने मीडिया रिपोर्टों के हवाले से आरोप लगाए हैं। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें