हरियाणा में अब सभी को 5 अक्टूबर से ज्यादा 8 अक्टूबर का इंतजार है। क्योंकि नतीजे 8 को ही आयेंगे। हरियाणा का जो मूड नजर आ रहा है, उसके हिसाब से शनिवार 5 अक्टूबर को सत्ता परिवर्तन की एक रस्म अदायगी की जानी है। लेकिन इतने खुले चुनाव के बावजूद हरियाणा भाजपा के नेताओं को अपने केंद्रीय नेतृत्व मोदी-अमित शाह से बहुत उम्मीदें हैं कि वे ही भाजपा को हरियाणा में सत्ता में तीसरी बार ला सकते हैं। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इसे मोदी बनाम राहुल की लड़ाई नहीं बनाना चाहता है। अभी तक हुए तमाम विधानसभा चुनाव और इस साल के लोकसभा चुनाव में फालौदी सट्टा बाजार की भविष्यवाणियां सटीक रही हैं। हालांकि सट्टा बाजार एक गलत चीज है, जिसे मान्यता नहीं दी जा सकती लेकिन तमाम राजनीतिक दलों और उनके नेताओं की लोकप्रियता नापने का पैमाना सट्टा बाजार बन गया है।