नीतीश कुमार
इंडिया गठबंधन के बारे में टीवी मीडिया पर फैल रही मतभेद की खबरें फिर से निराधार साबित होने जा रही हैं। इंडिया गठबंधन की बुधवार को वर्चुअल बैठक बुलाई गई है। सूत्रों ने बताया कि जेडीयू प्रमुख को 3 जनवरी को इंडिया का संयोजक बनाया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गठबंधन में नीतीश की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार कर चुके हैं और उन्हें विपक्षी गुट का संयोजक बनाने का प्रस्ताव कांग्रेस ही लाने जा रही है। वर्चुअल बैठक जूम पर होगी।
इंडिया की बुधवार को वर्चुअल बैठक हर नजरिए से महत्वपूर्ण है। इस बैठक में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई शीर्ष नेता हिस्सा लेंगे। इस दौरान I.N.D.I.A गठबंधन के प्रमुख दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों के भी शामिल होने की संभावना है। इस बैठक में सीट शेयरिंग की चर्चा आगे बढ़ सकती है।
नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने जब अपने नेता की महत्वाकांक्षाएं जगजाहिर कर दीं तो कांग्रेस ने उसे मानने में देर नहीं लगाई। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि सोनिया और राहुल हर कीमत पर इंडिया गठबंधन को बचाने में जुटे हुए हैं। विपक्ष के किसी अन्य नेता ने संयोजक पर दावेदारी भी नहीं की। यह दावेदारी शुरू से जेडीयू ही कर रही थी। जिसे अब कांग्रेस ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि सीट शेयरिंग अभी भी बड़ा मुद्दा बना हुआ है। जिसे हल करने में कांग्रेस की ही मुख्य भूमिका होने जा रही है।
इंडिया गठबंधन की वर्चुअल बैठक में सीट शेयरिंग को लेकर यह भी विचार हो सकता है कि दो-तीन राज्यों को छोड़कर शेष राज्यों में सीट बंटवारे का फॉर्मूला लागू कर दिया जाएगा। इसमें सबसे बड़ी दिक्कत सपा के अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल की तरफ से आ रही है। दोनों ही पार्टी प्रमुख कांग्रेस के सामने मनमानी शर्तें रख रहे हैं। अखिलेश की पार्टी को 2019 में यूपी में पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी लेकिन वो यूपी में 60 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। केजरीवाल दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस को महत्वहीन बता रहे हैं, जबकि सर्वे के मुताबिक अगर आज चुनाव हों तो पंजाब में आप पार्टी विधानसभा में भी सत्ता खो बैठेगी।