Mahua Moitra Amit Shah FIR: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की टिप्पणी से हुआ विवाद थम नहीं रहा। उनके खिलाफ एफआईआर तक हो गई है। महुआ ने उसके बाद कहा कि मुर्खों को मुहावरों की समझ ही नहीं है।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा और बीजेपी के बीच विवाद बढ़ गया है। महुआ ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अपनी कथित टिप्पणी को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर तीखा पलटवार किया है। मोइत्रा ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी एक मुहावरा थी, जिसे "मूर्ख लोग समझ नहीं पाते।"
महुआ मोइत्रा ने पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था कि अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ को रोकने में विफल रहने के लिए "अमित शाह का सिर काटकर मेज पर रख देना चाहिए।" इस बयान ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया, जिसके बाद छत्तीसगढ़ के रायपुर में माना कैंप पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ भादंसं (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 196 और 197 के तहत मामला दर्ज किया गया। इन धाराओं में विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक बयानों से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
मोइत्रा ने अपनी टिप्पणी को मुहावरे के रूप में स्पष्ट करते हुए कहा, "जब 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे आए, तो बीजेपी का 'अबकी बार, 400 पार' नारा मुंह के बल गिर गया। विदेशी मीडिया ने लिखा कि यह नरेंद्र मोदी के लिए 'थप्पड़' था। क्या किसी ने वाकई में प्रधानमंत्री को थप्पड़ मारा? नहीं। उसी तरह, जब हम कहते हैं कि 'सिर कट जाएगा,' तो यह जवाबदेही के लिए एक मुहावरा है, न कि हिंसा की मांग।"
उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस पर गलत अनुवाद के आधार पर एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाया। मोइत्रा ने कहा, "एफआईआर में लिखा है कि मैंने कहा 'गला काट दिया,' जबकि मैंने बंगाली में कहा था 'माथा के तेबी ले' (सिर को मेज पर रख देना), जो पूरी तरह अलग है। गूगल ट्रांसलेट का इस्तेमाल करके फर्जी एफआईआर दर्ज की गई।" उन्होंने चेतावनी दी कि वह इस मामले को अदालत में चुनौती देंगी और इसे बीजेपी की "राजनीतिक शिकार" बनाने की रणनीति का हिस्सा बताया।
मोइत्रा ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, "हर बार जब आप ऐसा करते हैं, आप मुझे नायिका बना देते हैं। आपने मुझे संसद से निष्कासित किया, मैं जीतकर वापस आई। हर बार आप मुझसे लड़ते हैं, आप हारते हैं, और मैं और मजबूत होकर उभरती हूं।"
बीजेपी ने मोइत्रा की टिप्पणी को "आपत्तिजनक" और "लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा" करार दिया। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इसे "आईएसआईएस जैसी मानसिकता" वाला बयान बताया, जबकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस मामले में माफी मांगने और मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
मोइत्रा ने बीजेपी को सलाह दी कि वे बंगाली भाषा और साहित्य को समझें। उन्होंने बंगाली कवि सुकुमार रे की एक हास्य कविता "विज्ञान-शिक्षा" का जिक्र करते हुए कहा कि अगर बीजेपी को बंगाली साहित्य की समझ होती, तो वे उनके मुहावरे को बेहतर समझ पाते।
यह विवाद भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ के मुद्दे को लेकर बीजेपी और टीएमसी के बीच चल रही तनातनी का हिस्सा है। बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार पर घुसपैठ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है, जबकि टीएमसी का कहना है कि सीमा सुरक्षा केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।
मोइत्रा ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा, "मैंने जवाबदेही की बात की थी, न कि हिंसा की। बीजेपी इसे गलत तरीके से पेश कर रही है।" इस मामले में आगे की जांच और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।