loader
महुआ मोइत्रा

महुआ मोइत्रा के लिए अब आगे का रास्ता क्या है, क्या कोर्ट जाएंगी

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को शुक्रवार को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया। संसद की एथिक्स कमेटी (आचार समिति) की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए यह कार्रवाई की गई। महुआ पर आरोप था कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से उपहार प्राप्त किए थे। ये सवाल कथित तौर पर हीरानंदानी के हितों से जुड़े थे। इंडिया गठबंधन का आरोप है कि संसद में महुआ का पक्ष नहीं सुना गया और एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई।
पूर्व लोकसभा महासचिव पीडीटी आचार्य ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि मोइत्रा के पास निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का विकल्प है। आम तौर पर, सदन की कार्यवाही को प्रक्रियात्मक अनियमितता (Procedural Irregularity) के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती। संविधान का अनुच्छेद 122 स्पष्ट है। यह अदालत की चुनौती से कार्यवाही की रक्षा करता है।”
ताजा ख़बरें
अनुच्छेद 122 के अनुसार, "प्रक्रिया की किसी भी कथित अनियमितता के आधार पर संसद में किसी भी कार्यवाही की वैधता पर प्रश्न नहीं उठाया जा सकता।।" इसमें कहा गया है कि "कोई भी अधिकारी या संसद सदस्य, जिसमें इस संविधान द्वारा या इसके तहत संसद में प्रक्रिया या कार्यवाही के संचालन को विनियमित करने या व्यवस्था बनाए रखने की शक्तियां निहित हैं, किसी भी अदालत के अधिकार क्षेत्र के अधीन नहीं है।" 
हालांकि, आचार्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2007 के राजा राम पाल मामले में कहा था कि “वे प्रतिबंध केवल प्रक्रियात्मक अनियमितताओं के लिए हैं। ऐसे अन्य मामले भी हो सकते हैं जहां न्यायिक समीक्षा आवश्यक हो सकती है।" इंडिया टुडे की भी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मोइत्रा प्राकृतिक न्याय और निष्पक्ष सुनवाई के सिद्धांतों के आधार पर समिति के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में अपील दायर कर सकती हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार, मोइत्रा एथिक्स कमेटी के अधिकार क्षेत्र और आचरण को भी चुनौती दे सकती हैं। वह तर्क दे सकती है कि पैनल ने अपने अधिदेश का उल्लंघन किया और कार्यवाही अनियमित थी। इंडिया टुडे ने कहा कि निष्कासित टीएमसी सांसद अपनी पार्टी या स्वतंत्र माध्यमों से वरिष्ठ संसद या सरकारी अधिकारियों से संपर्क कर समिति की कार्यवाही में पक्षपात, पूर्वाग्रह या किसी भी प्रकार की गड़बड़ी का आरोप लगा सकती हैं।

भाजपा के प्रह्लाद जोशी की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि अपने हित को आगे बढ़ाने के लिए एक व्यवसायी से उपहार स्वीकार करने के लिए मोइत्रा का आचरण एक संसद सदस्य के रूप में अशोभनीय पाया गया है, जो उनकी ओर से एक गंभीर दुष्कर्म और अत्यधिक निंदनीय आचरण है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने "अनैतिक आचरण" के लिए मोइत्रा को निष्कासित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। जोशी ने सदन से पैनल की सिफारिश और निष्कर्ष को स्वीकार करने और "यह संकल्प लेने का आग्रह किया कि महुआ मोइत्रा का लोकसभा सदस्य के रूप में बने रहना अस्थिर है और उन्हें लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित किया जा सकता है।"

राजनीति से और खबरें
तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्यों ने मांग की कि मोइत्रा को सदन में अपने विचार रखने की अनुमति दी जाए, जिसे स्पीकर ओम बिड़ला ने पिछली मिसाल का हवाला देते हुए खारिज कर दिया।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें