पीएम मोदीः यूपी पर बारीक नजर
जो यूपी जीतेगा, वही देश जीतेगा। यह राजनीतिक लाइन नहीं है। यह सत्य है। 80 लोकसभा सीटों वाले राज्य पर अगली सरकार बनवाने का दारोमदार होता है। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी और भाजपा उसका राजनीतिक असर मापना चाहते हैं। उसके लिए यूपी के बुलंदशहर को चुना गया है। भाजपा सूत्रों ने कहा कि मोदी 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कमर कस रहे हैं और उनकी पहली चुनावी रैली 25 जनवरी को बुलंदशहर में होने वाली है। मोदी और पार्टी अयोध्या के संदेश का आकलन करने खासतौर से गुरुवार को बुलंदशहर आ रहे हैं। बुलंदशहर पश्चिमी यूपी का खास शहर है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में तो राम लला विराजमान हो गए हैं लेकिन पश्चिम का किला कैसे फतह होगा, अयोध्या का कितना असर होगा, यह सब लेखाजोखा करने के लिए बुलंदशहर को पहली परीक्षा में रखा गया है।
इस रैली की तैयारी पहले से ही हो रही थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस शहर में पार्टी कार्यकर्ता और भाजपा नेता तैयारियों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। भाजपा यहां भारी भीड़ की उम्मीद कर रही है।
बीजेपी का दावा है कि बुलंदशहर में पीएम मोदी की रैली में करीब पांच लाख लोग शामिल होंगे। 25 जनवरी को बुलंदशहर के नवादा गांव में प्रधानमंत्री की निर्धारित रैली में समर्थन मिलने की उम्मीद है, जिसमें मेरठ कमिश्नरी में का भी क्षेत्र शामिल है।
इंडिया गठबंधन का हाल
यूपी में इंडिया गठबंधन को लेकर बहुत उठापटक नहीं है। कांग्रेस और सपा दोनों समझदारी से चल रहे हैं। लोकसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के साथ गठबंधन की घोषणा करने के बाद, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य में सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर निर्णय लेने के लिए कांग्रेस के साथ और बैठकें होंगी। "इंडिया गठबंधन को मजबूत करना है।"