पीएम मोदी ने भागवत को लेकर कहा है कि वे 'वसुधैव कुटुम्बकम' के जीवंत उदाहरण हैं और उन्होंने अपना पूरा जीवन सामाजिक परिवर्तन और सद्भाव एवं बंधुत्व की भावना को मजबूत करने के लिए समर्पित कर दिया है।
इन बयानों के कारण यह धारणा बनी कि भागवत और आरएसएस सरकार के कुछ फ़ैसलों से असंतुष्ट हैं और मोदी का यह लेख उस तनाव को कम करने की कोशिश हो सकता है।