Deoghar temple Controversy: देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में जबरन प्रवेश करने और श्रद्धालुओं में दहशत पैदा करने के आरोप में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसे बिहार चुनाव को झारखंड से प्रभावित करने की कोशिश माना जा रहा है।
देवघर मंदिर में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी जबरन घुसे
झारखंड पुलिस ने बीजेपी सांसदों निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और अन्य के खिलाफ बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह में "जबरन प्रवेश" करने के आरोप में FIR दर्ज की है। इस घटना से मंदिर में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं में भय और अफरातफरी की स्थिति पैदा हो गई। हालांकि यह घटना 2 अगस्त को हुई, जब श्रावण मास के दौरान मंदिर में वीआईपी प्रवेश पर प्रतिबंध था। जानकारों का कहना है कि बिहार चुनाव के मद्देनज़र दोनों बीजेपी सांसद पार्टी का वोट बैंक मजबूत करने गए थे। इस मदिर में बिहार के श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं। मंदिर में अधिकांश पुजारी भी बिहार से हैं, जिनका बिहार में अच्छा प्रभाव है।
मंदिर के पुजारी कार्तिक नाथ ठाकुर की शिकायत के आधार पर 7 अगस्त को बाबा बैद्यनाथ मंदिर पुलिस स्टेशन में यह FIR दर्ज की गई। शिकायत में कहा गया है कि निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी ने 2 अगस्त को रात 8:45 से 9:00 बजे के बीच गर्भगृह में जबरन प्रवेश किया, जबकि इस दौरान वीआईपी और वीवीआईपी प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित था। इस दौरान "कंचा जल पूजा" अनुष्ठान चल रहा था, और सांसदों के प्रवेश से पूजा में रुकावट पैदा हुई।
शिकायत के अनुसार, सांसदों के साथ पुलिसकर्मियों के साथ "हाथापाई" हुई, जिससे श्रद्धालुओं में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी, कंशिकांत दुबे, शेषाद्रि दुबे और अन्य के खिलाफ धार्मिक परंपराओं और भावनाओं को ठेस पहुंचाने, सरकारी कार्य में बाधा डालने और पुलिस के साथ झड़प के लिए एफआईआर दर्ज की गई है।
यह घटना श्रावण मास के दौरान हुई, जब हजारों कांवड़िया 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर सुल्तानगंज (बिहार) से देवघर (झारखंड) स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में पवित्र गंगा जल अर्पित करने आते हैं। इस साल अब तक करीब 55 लाख कांवरियों ने मंदिर में जल चढ़ाया है। 2 अगस्त को निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी कांवड़ यात्रा में शामिल हुए थे।
बीजेपी सांसदों की प्रतिक्रिया
मनोज तिवारी ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। वहीं, निशिकांत दुबे ने X पर पोस्ट कर कहा, "यह मामला पूजा करने के लिए दर्ज किया गया है... मेरे खिलाफ अब तक 51 मामले दर्ज हो चुके हैं। मैं देवघर हवाई अड्डे से सीधे पुलिस स्टेशन अपनी गिरफ्तारी के लिए जाऊंगा।"
पहले भी विवाद
यह पहली बार नहीं है जब इन दोनों सांसदों का नाम विवादों में आया है। अगस्त 2022 में, निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी सहित नौ लोगों के खिलाफ देवघर हवाई अड्डे पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) कक्ष में जबरन प्रवेश कर चार्टर्ड उड़ान के लिए अनुमति लेने का आरोप लगा था। उस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2025 में खारिज कर दिया था, क्योंकि लोकसभा सचिवालय से पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी।
देवघर और बीजेपी की राजनीति
देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर का काम-काज बड़ी संख्या में मूल रूप से सुल्तानगंज और आस-पास के पुजारी देखते हैं। जिनका अच्छा खासा प्रभाव बिहार के भागलपुर मुंगेर जैसे इलाकों में माना जाता है। दोनों नेता यानी निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी बीजेपी के हिन्दू वोट बैंक को देवघर के इस प्रसिद्ध मंदिर के जरिए कोशिश करते रहते हैं। इस बार यह कोशिश बिहार चुनाव के लिए की जा रही है। बिहार चुनाव नजदीक है और अभी से तमाम विवादों की वजह से बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।इस घटना से पहले भी कई घटनाएं यहां हुई हैं। बीजेपी और स्थानीय प्रशासन के बीच तनातनी पहले भी देखी गई है, खासकर 2022 के हवाई अड्डा विवाद के दौरान। इस नवीनतम मामले ने एक बार फिर बीजेपी नेताओं और स्थानीय प्रशासन के बीच टकराव को उजागर किया है।