loader
कोलकाता में सोमवार दोपहर को नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव सीएम ममता बनर्जी के साथ।

विपक्षी एकताः ममता ने कहा- हम सब साथ, बिहार में बैठक से हो शुरुआत

विपक्षी एकता के मिशन पर कोलकाता पहुंचे नीतीश कुमार-तेजस्वी यादव की बैठक बेहद सफल रही। बैठक के बाद नीतीश और ममता ने संयुक्त रूप से पत्रकारों को संबोधित किया। ममता ने कहा कि हम सब एकजुट हैं। कहीं कोई मसला नहीं है। मैंने नीतीश जी से अनुरोध किया है कि विपक्षी एकता की बैठक बिहार से हो। क्योंकि वहीं से जयप्रकाश नारायण जी ने अपना आंदोलन शुरू किया था। बिहार में बैठक के बाद हम लोग तय करेंगे कि हमें आगे कैसे बढ़ना है। लेकिन उससे पहले हमें यह संदेश देना चाहिए कि हम एकजुट हैं। मैंने पहले भी इसके बारे में कहा है कि मुझे विपक्षी एकता को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। मैं चाहती हूं कि बीजेपी जीरो हो जाए, जो मीडिया के समर्थन से हीरो बन गए हैं।
ममता बनर्जी ने कहा कि हम साथ-साथ आगे बढ़ेंगे। हमारा कोई व्यक्तिगत अहंकार नहीं है, हम सामूहिक रूप से मिलकर काम करना चाहते हैं। इस मौके पर नीतीश कुमार ने कहा कि हमने बातचीत की है, विशेष रूप से सभी दलों के एक साथ आने और आगामी संसद चुनाव से पहले सभी तैयारियों को लेकर। आगे जो भी किया जाएगा, देश के हित में किया जाएगा। जो अभी शासन कर रहे हैं... उन्हें कुछ नहीं करना है। वे सिर्फ अपना प्रचार कर रहे हैं। देश के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है।

विपक्षी एकता की धुरी बने नीतीश

विपक्षी एकता के सूत्रधार जेडीयू नेता नीतीश कुमार आज दोपहर 24 अप्रैल को कोलकाता पहुंचे। उनके साथ आरजेडी के तेजस्वी यादव भी हैं। इन लोगों का टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने अपने आवास पर स्वागत किया। लेकिन विपक्षी एकता के एजेंडे पर बिना किसी औपचारिकता के बैठक शुरू हो गई। मीटिंग मुश्किल से दो घंटे चली। जेडीयू नेता नीतीश कुमार आज ही शाम को लखनऊ पहुंच रहे हैं, जहां उनकी मुलाकात सपा प्रमुख अखिलेश यादव से तय है।

ममता बनर्जी ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने पिछले महीने बैठक की थी। विपक्ष के ये नेता कांग्रेस को बाहर रखकर विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं, जबकि नीतीश कुमार चाहते हैं कि विपक्षी एकता का जो भी स्वरूप हो, उसमें कांग्रेस की भी भूमिका हो। यही वजह है कि नीतीश ने इस महीने की शुरुआत में नई दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी।

ताजा ख़बरें

ममता और अखिलेश की बैठक के बाद यह साफ हो जाएगा कि विपक्षी एकजुटता की शक्ल क्या होगी। नीतीश यह बार-बार साफ कर रहे हैं कि बिना कांग्रेस के विपक्षी एकता का कोई नतीजा नहीं आएगा। नीतीश के लिए यूपी और बंगाल बहुत अहम है। बिहार में आरजेडी पर ज्यादा दारोमदार है। 

Opposition unity: Mamta said - We are all together, start with meeting in Bihar - Satya Hindi
कोलकाता में बैठक से पहले ममता बनर्जी, नीतीश और तेजस्वी।

जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस का पहले से ही महागठबंधन है। चुनौती है बंगाल में ममता की टीएमसी को कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ लाना, साथ ही यूपी में सपा और कांग्रेस मिलजुल कर लड़े। कांग्रेस इच्छुक लगती है लेकिन सपा की हिचक बरकरार है। नीतीश इन्हीं सब मुद्दों को हल करने के लिए बैठक कर रहे हैं।

पिछले महीने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कालीघाट में उनसे मुलाकात की थी। बैठक में, दोनों नेताओं ने कांग्रेस के साथ दूरी बनाए रखने और 2024 के चुनावों में भाजपा के खिलाफ क्षेत्रीय ताकतों की एकता पर ध्यान केंद्रित करने पर सहमति व्यक्त की। अखिलेश से मिलने के तुरंत बाद, ममता बनर्जी ओडिशा गईं और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ बैठक की। इसके बाद जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने बनर्जी से मुलाकात की थी।
पिछले हफ्ते नीतीश ने तमिलनाडु में मुख्यमंत्री और डीएमके चीफ एम.के. स्टालिन से देश में विपक्षी शासित राज्य में राज्यपालों की भूमिका के खिलाफ विपक्षी ताकतों की एकता पर चर्चा की थी। हाल के दिनों में, ममता बनर्जी ने अपनी सभी जनसभाओं में इस बात पर जोर दिया कि अगर विपक्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एकजुट हो जाता है, तो भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को खत्म करना संभव है। हालांकि, वह हमेशा इस पेचीदा मुद्दे का जवाब देने से बचती रही हैं कि क्या कांग्रेस भी विपक्षी एकजुटता की उनकी रूपरेखा का हिस्सा है।
राजनीति से और खबरें

कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक के बाद, नीतीश कुमार ने कहा था कि वो सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने कांग्रेस के साथ आखिरी दौर की बातचीत पूरी कर ली है।

कुमार ने इस महीने दो प्रमुख वामपंथी नेताओं - सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी और सीपीआई के महासचिव डी. राजा के साथ भी बैठक की थी। विशेष रूप से नीतीश कुमार के मई के पहले सप्ताह में ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने की संभावना है। वह तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से भी मुलाकात कर सकते हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें