loader

मायावती फिर बोलीं- मैं नहीं आऊंगी, जबकि विपक्ष को पहले से पता, नया क्या

पटना में विपक्षी एकता बैठक से ठीक पहले आज गुरुवार को बसपा प्रमुख और बड़ी दलित नेता मायावती का एक बयान सामने आया, जिसमें वो कह रही हैं कि वो विपक्षी एकता बैठक में नहीं जाएंगी। हालांकि मायावती ने अपने इस रुख को तभी स्पष्ट कर दिया था कि वो ऐसी किसी विपक्षी एकता मुहिम में शामिल नहीं होंगी, जब नीतीश कुमार ने इसकी शुरुआत छह महीना पहले की थी। मायावती ने आज कई ट्वीट किए। लेकिन आज उनके निशाने पर कांग्रेस रही। सत्तारूढ़ भाजपा के निशाने पर भी कांग्रेस ही रहती है। इस तरह कांग्रेस को टारगेट करने के मुद्दे पर भाजपा और बसपा एक हो गए हैं। भारतीय राजनीति में यह जुगलबंदी जबरदस्त है।

यहां यह बताना जरूरी है कि मायावती तमाम वजहों से भाजपा के खिलाफ अपना रुख इन दिनों नरम रख रही हैं। उनके भाई आनंद कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच चल रही है। हाल ही में एक रिपोर्ट में सामने आया था कि मायावती के मुख्यमंत्री कार्यकाल में आनंद कुमार को 261 फ्लैट आवंटित किए गए थे।

ताजा ख़बरें
मायावती ने लिखा है कि "महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन, अशिक्षा, जातीय घृणा, धार्मिक हिंसा आदि से त्रस्त देश में बहुजनों की स्थिति से स्पष्ट है कि कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियां बाबा साहब आंबेडकर का मानवतावादी समतावादी संविधान लागू करने में सक्षम नहीं हैं।
बसपा प्रमुख ने कहा - "ऐसी किसी भी बैठक से पहले...बेहतर होता अगर ये पार्टियाँ, लोगों के विश्वास को सही ठहराने के लिए, अपने इरादे साफ़ कर देतीं। 'मुँह में राम, बगल में छुरी' कब तक चलेगा?"
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2024 के राष्ट्रीय चुनाव से पहले भाजपा विरोधी दलों को एकजुट करने और विपक्षी एकता बनाने के अपने चल रहे अभियान के तहत बैठक का आयोजन किया है।
इस बैठक को भाजपा के लिए कुछ संयुक्त विरोध के परिणाम के रूप में पहला अस्थायी कदम माना जा रहा है, जिसने 2019 में 545 लोकसभा सीटों में से 303 सीटें हासिल कीं।

बैठक में कांग्रेस को उन पार्टियों के साथ एक मंच पर देखा जा सकता है जो राज्यों में उसकी प्रत्यक्ष प्रतिद्वंद्वी हैं, जैसे कि तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी (आप)। 
राजनीति से और खबरें
ऐसा माना जा रहा था कि शुक्रवार की बैठक में शामिल होने वाले नेताओं की सूची में मायावती भी शामिल होंगी, हालांकि इस पर कोई आधिकारिक बयान कभी नहीं आया। उनका रुख हमेशा पटना बैठक के खिलाफ रहा।

अपने ट्वीट में, मायावती ने संकेत दिया कि वह इस बात से नाराज हैं कि उत्तर प्रदेश के नेताओं को अधिक महत्व नहीं दिया गया, जहां सबसे अधिक लोकसभा सीटें (80) हैं और जो किसी भी पार्टी या गठबंधन की जीत की कुंजी है। उन्होंने लिखा है- ''कहा जाता है कि यूपी में 80 लोकसभा सीटें चुनावी सफलता की कुंजी हैं, लेकिन विपक्षी दलों के रवैये से ऐसा नहीं लगता कि वे यहां अपने उद्देश्य को लेकर गंभीर हैं और वास्तव में चिंतित हैं। प्राथमिकताओं को सही किए बिना, कोई भी ऐसा करेगा। लोकसभा चुनाव की ऐसी तैयारी वास्तव में मायने रखती है?"

बिहार के कुछ नेताओं ने कहा कि मायावती की बसपा और दो अन्य दलों - नवीन पटनायक की बीजेडी और के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को आमंत्रित नहीं किया गया था। ये पार्टियाँ परंपरागत रूप से भाजपा और कांग्रेस दोनों से समान दूरी पर रही हैं, हालाँकि बसपा, बीजेडी और बीआरएस ने अक्सर भाजपा को कई मुद्दों पर समर्थन दिया है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें