17 अगस्त 1994 को अटल बिहारी वाजपेयीजी को सर्वश्रेष्ठ सांसद का सम्मान मिला। इस मौके पर अपने भाषण में उऩ्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू का खास जिक्र करते हुए कहा कि विपक्ष की मांग पर उन्होंने अपने सहायक एम ओ मथाई को हटाने का फैसला तत्काल कर लिया था और कहा था कि जब सदन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह महसूस करता हो कि कुछ न कुछ किया ही जाना चाहिए तब बहुमत के लिए यह कतई उचित नहीं है कि सदन की इच्छा को दरकिनार कर दिया जाए।