केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
समंदर पटेल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “मैंने महाराज (सिंधिया) के साथ पार्टी छोड़ थी। लेकिन जल्द ही, मुझे भाजपा के भीतर घुटन महसूस होने लगी। मुझे किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाता था। मुझे सम्मान और पावरफुल पद नहीं दिया गया।''
सत्तारूढ़ दल में शामिल होते ही समंदर के लिए परेशानी शुरू हो गई और वह राज्य के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के साथ सार्वजनिक विवाग में फंस गए। समंदर ने आरोप लगाया कि “मेरे समर्थकों को सखलेचा के खेमे ने लगातार अपमानित किया। छोटे-मोटे झगड़ों को लेकर उनके खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज किए गए। तभी मैंने भाजपा छोड़ने का फैसला किया।''
बहरहाल, सिंधिया को मध्य प्रदेश भाजपा इकाई में अंदरूनी कलह से जूझना पड़ रहा है, उनके समर्थकों और पार्टी के पुराने समय के लोगों के बीच तनाव बढ़ गया है। सिंधिया खेमे के एक नेता ने कहा कि समंदर पटेल के इस कदम से बीजेपी को नुकसान हो सकता है। उस नेता ने कहा- “पटेल नीमच में एक बड़े नेता हैं। वह आर्थिक रूप से मजबूत हैं और पार्टी का समर्थन करते थे। सिंधिया उनके गॉडफादर थे। वह सिंधिया के लेफ्टिनेंट की तरह थे।