आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल इतने बड़े नेता हो गए हैं कि छह दिन गुजरने के बाद उन्हें जहांगीरपुरी याद नहीं आया। हालांकि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने वहां बुलडोजर भी काफी दिनों के लिए रोक दिए हैं, लेकिन केजरीवाल अभी भी चुप हैं। लेकिन वो चुप नहीं हैं। वो बेंगलुरु में रोड शो करते दिख रही हैं।
मुस्लिमों पर चुप्पी...तो ये है केजरीवाल स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स
- राजनीति
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- 29 Mar, 2025

देश में अभी राजनीति का जो दौर चल रहा है, उसमें केजरीवाल की राजनीति को समझना जरूरी है। गुरुवार को पहली बार आम आदमी पार्टी की ओर से यह शब्द भी सामने आया केजरीवाल स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स...यह महज शब्द नहीं है। जरूर इसके पीछे कोई चिन्तन होगा। आप प्रवक्ता राघव चड्ढा के मुंह से निकले इस शब्द को जहांगीरपुरी पर चल रही राजनीति से क्यों न जोड़कर देखा जाए।...
जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को जब साम्प्रदायिक हिंसा हो रही थी तो वो केजरीवाल सुंदर कांड देख रहे थे। सुंदर कांड लाइव था, जिसे उन्होंने संबोधित भी किया था। जब सुंदर कांड के कार्यक्रम से बाहर निकले तो उन्हें जहांगीरपुरी की खबर मिली और धार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत केजरीवाल ने फौरन एक विवादास्पद ट्वीट कर दिया। उस ट्वीट के बाद केजरीवाल खामोश हैं। बुधवार को जहांगीरपुरी में बुलडोजर पहुंचे लेकिन केजरीवाल चुप रहे। सीपीएम की नेता वृंदा करात, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल भी मौके पर हो आया लेकिन अगर नहीं पहुंचे तो वो केजरीवाल हैं और उनकी पार्टी के नेता हैं।