अयोध्या एक बार फिर सुर्खियों में है और पूरे देश का ध्यान इसी ओर है। भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी संगठनों ने 25 नवंबर को राम की इस नगरी में बड़े कार्यक्रम का आयोजन रखा है। इसमें लगभग दो लाख लोगों की शिरकत करने की संभावना है। पूरी कोशिश ऐसे ध्रुवीकरण की है कि विवादित जगह पर राम मंदिर बनवाने का समर्थन करने वाले एकजुट हो जाएं। इस ध्रुवीकरण के पीछे सोच यह है कि राम मंदिर के नाम पर अधिक से अधिक लोग भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी संगठनों के साथ खड़े हों और इसका सियासी फ़ायदा आम चुनावों में उठाया जा सके।
विहिप को मंदिर नहीं बनवाना है, मक़सद तो हवा बनाना है
- राजनीति
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- 27 Nov, 2018

25 नवंबर के धर्म संसद के बाद भी ध्रुवीकरण तेज़ करेगी विश्व हिन्दू परिषद ताकि आम चुनाव तक माहौल गरम रहे और बीजेपी को हिन्दुओं का एकमुश्त वोट मिले।





























