बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से तीन महीना पहले निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की शुरुआत की। लेकिन उसने सोमवार को नए नियमों पर स्पष्टीकरण जारी किया। आयोग ने पहले कहा था कि घर घर सत्यापन के दौरान लोगों को जन्म स्थान प्रमाणपत्र और जन्मतिथि का प्रमाण देना होगा। अपने पिता का भी जन्म स्थान प्रमाण देना होगा। यही सब शर्ते एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) में भी हैं। कांग्रेस, टीएमसी समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया और कहा कि मोदी सरकार चुनाव आयोग के जरिए एनआरसी लाना चाहती है। चुनाव आयोग ने 30 जून सोमवार को आधिकारिक तौर पर कहा कि अब किसी प्रमाण को देने की जरूरत नहीं है।