बिहार में नेताओं की एक नयी पीढ़ी लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार का विकल्प बन कर खड़ी हो रही है। राज्य की राजनीति पर करीब चार दशकों से लालू और नीतीश का दबदबा रहा है। नब्बे के दशक में पिछड़ों के लिए आरक्षण की आंधी में लालू मुख्यमंत्री बने और करीब 15 सालों तक सत्ता में रहे। उसके बाद अति पिछड़ा और अति दलित का झंडा उठाकर नीतीश मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे और अब तक बने हुए हैं। चारा घोटाला में सजा के चलते लालू सत्ता से बाहर हो गए, लेकिन अपनी विरासत बेटे तेजस्वी यादव को सौंप दिया।