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राघव चड्ढा बने गुजरात के सह प्रभारी; आप को होगा फायदा?

आम आदमी पार्टी ने अपने युवा नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए सह प्रभारी बनाया है। पंजाब में आम आदमी पार्टी को मिली प्रचंड जीत में राघव चड्ढा की अहम भूमिका रही थी। चड्ढा के पंजाब का सह प्रभारी रहते हुए आम आदमी पार्टी को वहां की 117 सीटों में से 92 सीटों पर जीत मिली थी। 

राघव चड्ढा को गुजरात में सह प्रभारी की जिम्मेदारी दिए जाने से साफ है कि आने वाले दिनों में वह लगातार गुजरात का दौरा करेंगे। चूंकि वह सिर्फ 33 साल के हैं इसलिए कुछ हद तक युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं। 

गुजरात में कुछ ही महीने के अंदर विधानसभा के चुनाव होने हैं और आम आदमी पार्टी वहां कई सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। 

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गुजरात में विधानसभा की 182 सीटें हैं और यहां आमतौर पर लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच होती है। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 77 सीटें मिली थी जबकि बीजेपी को 99 सीटें। लेकिन पिछले कुछ सालों में कांग्रेस के 14 विधायक उसका साथ छोड़ चुके हैं। 

गुजरात में पहले आम आदमी पार्टी का भारतीय ट्राइबल पार्टी से गठबंधन हुआ था लेकिन अब आम आदमी पार्टी अकेले ही मैदान में उतर सकती है। 

दिल्ली में आबकारी नीति को लेकर बीजेपी के द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों और जांच एजेंसियों की छापेमारी से जूझ रही आम आदमी पार्टी ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंकी हुई है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल बीते कई महीनों से लगातार गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनावी दौरा कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने दोनों राज्यों में लोगों से तमाम बड़े वादे भी किए हैं।

केजरीवाल के साथ ही उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी गुजरात का दौरा कर चुके हैं। 

पंजाब में दिखाया राजनीतिक कौशल

राघव चड्ढा 2022 फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनाव से पहले लगातार 2 साल तक पंजाब के विधानसभा हलकों को नापते रहे थे। पार्टी की चुनावी रणनीति तय करने से लेकर विरोधियों पर हमले करने के मामले में वह फ्रंट फुट पर रहे। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने उन पर भरोसा करके ही उन्हें पंजाब का सह प्रभारी बनाया था। 

AAP appointed Raghav Chadha co-incharge for Gujarat assembly elections 2022 - Satya Hindi

राघव चड्ढा का नाम दिल्ली की राजनीति में पहली बार तेजी से तब आया था जब साल 2018 में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सलाहकारों को बर्खास्त कर दिया गया था। इन सलाहकारों में चड्ढा भी एक थे। चड्ढा ने 2019 का लोकसभा चुनाव दक्षिणी दिल्ली की सीट से लड़ा था लेकिन वह बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी से हार गए थे। 

चड्ढा ने 2020 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र नगर सीट से चुनाव लड़ा और बीजेपी के बड़े नेता आरपी सिंह को हराया। इसके बाद केजरीवाल ने उन्हें दिल्ली जल बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया। पंजाब में जीत के बाद उन्हें इस साल मार्च में राज्यसभा का सांसद बनाया गया। 

राघव चड्ढा ने पंजाब में अपनी राजनीतिक क्षमता को साबित किया है। अब केजरीवाल को उनसे उम्मीद होगी कि वह गुजरात में भी आम आदमी पार्टी को कुछ सीटें दिलाने में मदद करेंगे।

क्योंकि राघव चड्ढा पंजाब से राज्यसभा सांसद हैं इसलिए उनकी राजनीतिक सक्रियता पंजाब में ज्यादा रहती है। इसे लेकर पंजाब में कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के साथ ही बीजेपी भी लगातार आम आदमी पार्टी सरकार से सवाल पूछती है कि राघव चड्ढा को पंजाब की सरकार में इतनी अहमियत क्यों दी जा रही है। 

आम आदमी पार्टी ने इस साल फरवरी-मार्च में हुए गोवा और उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव को भी जोर-शोर से लड़ा था। हालांकि गोवा में वह 2 सीटें जीतने में कामयाब रही थी लेकिन उत्तराखंड में अधिकतर सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी। 

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कई राज्यों पर है नजर

इसके बाद केजरीवाल मिशन राजस्थान में भी जुटने जा रहे हैं। राजस्थान में अगले साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। अगर आम आदमी पार्टी गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कुछ सीटें झटकने में कामयाब रही तो 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उसके लिए यह एक बूस्टर डोज की तरह होगा। बताना होगा कि अरविंद केजरीवाल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अकेले उतरने का एलान कर चुके हैं और 2023 में मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित कुछ अन्य राज्यों में भी वह विधानसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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