पंजाब में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू और उनके खेमे को तगड़ा झटका लगा है। कई हफ्तों से कयास थे कि पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू 26 जनवरी को; सजा पूरी होने के वक्त से पहले रिहा कर दिए जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस आलाकमान तक यह मानकर चल रहा था कि सिद्धू को गणतंत्र दिवस पर विशेष छूट देते हुए अन्य कैदियों के साथ रिहा कर दिया जाएगा। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के अंतिम पड़ाव में होने वाली रैली में शिरकत के लिए उन्हें निमंत्रण भी दिया था और दिल्ली में प्रियंका गांधी ने सिद्धू की पत्नी डॉक्टर नवजोत कौर सिद्धू से मुलाकात करके सुनिश्चित किया था कि रिहाई के बाद सिद्धू दिल्ली आएंगे और उन्हीं के साथ विमान में श्रीनगर जाएंगे।

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को आख़िर 26 जनवरी को रिहा क्यों नहीं किया जब जेल अधिकारी तक उनके अच्छे व्यवहार के लिए रिहाई की सिफारिश कर दी थी?
केंद्रीय जेल पटियाला में 34 साल पुराने रोडरेज मामले में एक साल की सजा काट रहे नवजोत सिंह सिद्धू के गृह नगर पटियाला में भी उनकी रिहाई पर विशेष कार्यक्रम प्रस्तावित है, जिसे मौके पर ठप करना पड़ा। समर्थकों ने सिद्धू के ट्विटर हैंडल पर एक रूट मैप भी शेयर किया था, जिसमें बताया गया था कि रिहाई के बाद वह किन-किन रास्तों से होकर अपने घर जाएंगे। सिद्धू के समर्थकों का दावा था कि हजारों की तादाद में कांग्रेस कार्यकर्ता जेल के बाहर 26 जनवरी को उनका स्वागत करेंगे। 25 जनवरी की शाम सिद्धू का कुछ सामान जेल से उनके घर पहुंचा दिया गया था लेकिन 26 जनवरी को रिहाई नहीं हुई। इससे गुस्साई श्रीमती सिद्धू ने ट्वीट किया कि, "नवजोत एक खूंखार जानवर हैं-उनसे दूर रहिए।" यह संदेश दरअसल राज्य सरकार के लिए था।