अलग तेवरों के लिए पहचाने जाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू गुरूवार को पार्टी हाईकमान के सामने पेश हुए। यहां सिद्धू पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत और पार्टी के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल के सामने अपनी बातों को रखेंगे। 

लेकिन इससे पहले सिद्धू ने एक इंटरव्यू का वीडियो ट्वीट किया है। इस वीडियो में सिद्धू पंजाब से जुड़े कई मसलों पर खुलकर बात करते दिखाई देते हैं। 

हक़ीक़त लिखकर शेयर किए गए इस वीडियो में सिद्धू कहते हैं कि पार्टी हाईकमान के समर्थन के लिए वह उसका आभार व्यक्त करते हैं लेकिन वह किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने इस दौरान एक बार फिर अपने 18 बिंदुओं वाले एजेंडे पर जोर दिया। 
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सिद्धू ने इंटरव्यू में कहा कि अगर हम समझौते करेंगे तो आगे कैसे बढ़ेंगे क्योंकि फिर ये दैत्य रूपी सिस्टम आपको काटने को दौड़ पड़ता है। उन्होंने कहा कि हम लड़ेंगे और राजनीति में 5 से 50 भी हो सकते हैं और 50 से 0 भी। 

पंजाब लंबे वक़्त से कांग्रेस हाईकमान के लिए सिरदर्द बना हुआ है। पार्टी को डर है कि नवजोत सिंह सिद्धू के चुनाव से ठीक पहले अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने के कारण उसे विधानसभा चुनाव में नुक़सान हो सकता है।

हाईकमान की कराई किरकिरी

कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के लाख विरोध के बाद सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था। लेकिन सिद्धू ने हाईकमान को जोर का झटका पिछले महीने तब दिया, जब उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। इससे हाईकमान की ख़ासी किरकिरी हुई और साथ ही अमरिंदर सिंह ने भी पार्टी से पूरी तरह किनारा कर लिया। 
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सिद्धू के ख़िलाफ़ है नाराज़गी 

सिद्धू का बीते दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह कहते सुनाई दिए थे कांग्रेस बिलकुल मरने वाली हालत में है। इस दौरान उनके मुंह से एक अपशब्द भी निकला था। 

बताया जाता है कि इस वीडियो के वायरल होने के बाद पंजाब कांग्रेस के कई नेता चाहते हैं कि सिद्धू के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए। लेकिन चुनाव की दहलीज पर खड़े पंजाब में सिद्धू के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए या नहीं, इसे लेकर पार्टी फ़ैसला नहीं कर पा रही है। 

कांग्रेस नहीं चाहती कि पंजाब उसके हाथ से निकल जाए, इसलिए वह काफी फूंक-फूंक कर क़दम रख रही है और सिद्धू की तमाम हरक़तों को नज़रअंदाज करने के लिए भी मजबूर है।

क्या करेंगे सिद्धू?

पंजाब की राजनीति में सिद्धू भी लोकप्रिय चेहरा हैं और तभी पार्टी हाईकमान ने अमरिंदर सिंह की नाराज़गी के बाद भी उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया। कांग्रेस चाहती है सिद्धू की लोकप्रियता का फायदा पार्टी को मिले और सत्ता में उसकी वापसी हो। लेकिन सिद्धू के बारे में कुछ तय नहीं कहा जा सकता कि वे फिर से पार्टी के लिए सक्रिय होकर काम करेंगे या फिर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और हाईकमान के लिए कोई नयी मुश्किल खड़ी कर देंगे।