मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया दफ्तर में हुए धमाके के मामले में पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है। इस शख्स पर आरोप है कि उसने रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड यानी आरपीजी फेंकने वाले हमलावरों की मदद की थी। इस शख्स का नाम निशान सिंह है और वह फरीदकोट जिले का रहने वाला है। इसके अलावा भी पंजाब पुलिस ने इस मामले में दो और लोगों को पकड़ा है।
पुलिस निशान सिंह से पूछताछ कर रही है और इस घटना को किन लोगों ने अंजाम दिया उन तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
पंजाब में बीते कुछ दिनों में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिससे ऐसा लगता है कि आतंकी एक बार फिर सिर उठा रहे हैं।
पुलिस का कहना है कि उसे इस मामले में कुछ सुराग मिले हैं और जल्द ही इसे सुलझा लिया जाएगा।
पंजाब कैसे पहुंचा आरपीजी?
यह कहा जा रहा है कि पंजाब में आतंकवाद के दौर में भी आरपीजी का इस्तेमाल नहीं हुआ था। जम्मू-कश्मीर में आतंकी आरपीजी का इस्तेमाल करते हैं या पाकिस्तान और अफगानिस्तान में यह हथियार आतंकियों के पास दिखता रहा है। लेकिन पंजाब के अंदर आरपीजी कैसे पहुंचा और हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद कहां चले गए यह एक बड़ा सवाल बन गया है।
हाई अलर्ट पर है पुलिस
मोहाली के सेक्टर 77 में खुफिया विभाग के दफ्तर पर यह धमाका सोमवार शाम को 7:45 पर हुआ था। इसके बाद पंजाब में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सुरक्षा एजेंसियां भी पूरी तरह सतर्क हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पुलिस के आला अफसरों से साथ बैठक की है और कहा है कि पंजाब के अमन चैन को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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इस मामले की जांच के दौरान पुलिस को घटनास्थल के आसपास में स्थित तीन मोबाइल टावर से 7000 मोबाइल फोन भी मिले हैं।
आतंकी रिंदा पर शक
इस मामले में पंजाब पुलिस के रडार पर हरिंदर सिंह रिंदा नाम का आतंकवादी भी है। चंडीगढ़ पुलिस का कहना है कि रिंदा अभी पाकिस्तान में है और वह हत्या के कम से कम 4 मामलों और हत्या की साजिश के कई मामलों में अभियुक्त है।
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