देश के तमाम राज्यों में नौनिहालों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं। राज्य सरकारें दावा करती हैं कि उनकी योजनाओं से शिशुओं, छोटे बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर हुआ है लेकिन समय-समय पर सरकारी लापरवाही से होने वाली बच्चों की मौत इन राज्यों के शासकों को आइना दिखाती है। लेकिन राज्य सरकारें ऐसे मामलों में अपनी जवाबदेही तय करने के बजाय बात को इधर-उधर घुमा देती हैं। इसके बाद नेता सियासत में जुट जाते हैं और असल मुद्दे पीछे छूट जाते हैं।