लगता है कि बीजेपी यह संदेश कतई नहीं देना चाहती कि राजस्थान के सियासी रण में उसे मुंह की खानी पड़ी है। रेगिस्तानों के राज्य राजस्थान में अपनी सरकार बनाने की उसकी सियासी ख़्वाहिश उस वक़्त अधूरी रह गई थी, जब कांग्रेस के बाग़ी नेता सचिन पायलट अपने समर्थकों के साथ वापस पार्टी में लौट आए थे।
राजस्थान: अविश्वास प्रस्ताव लाकर सियासी लाज बचाने की कोशिश कर रही बीजेपी?
- राजस्थान
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- 14 Aug, 2020
लगता है कि बीजेपी यह संदेश कतई नहीं देना चाहती कि राजस्थान के सियासी रण में उसे मुंह की खानी पड़ी है।

बीजेपी की ओर से कहा गया है कि वह शुक्रवार से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। अगर पायलट कांग्रेस में वापस नहीं लौटे होते, तब बीजेपी के इस क़दम का मतलब समझा जा सकता था क्योंकि तब गहलोत के पास 102 विधायक थे और बहुमत साबित करने के लिए विधायकों को एकजुट रखने में उनकी सांसें उखड़ रही थीं।