लगता है कि बीजेपी यह संदेश कतई नहीं देना चाहती कि राजस्थान के सियासी रण में उसे मुंह की खानी पड़ी है। रेगिस्तानों के राज्य राजस्थान में अपनी सरकार बनाने की उसकी सियासी ख़्वाहिश उस वक़्त अधूरी रह गई थी, जब कांग्रेस के बाग़ी नेता सचिन पायलट अपने समर्थकों के साथ वापस पार्टी में लौट आए थे।