loader
फ़ोटो क्रेडिट - sachinpilot

राजस्थान: आख़िर रूठे पायलट को क्यों मना रही है कांग्रेस?

राजस्थान में सचिन पायलट की नाराज़गी के कारण दो से तीन दिन के अंदर सियासी तसवीर तेजी से बदली। राजनीति के गलियारों में शोर उठा कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्य सरकार में उप मुख्यमंत्री पायलट पार्टी को अलविदा कह सकते हैं। ख़बर यह भी आई कि मध्य प्रदेश में अपने पुराने साथी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की तर्ज पर वह बीजेपी का झंडा थाम सकते हैं। 

इसी दौरान जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ़्तर से पायलट के पोस्टर्स को हटाए जाने की तसवीरें सामने आईं और माना गया कि इस मौक़े को गहलोत खेमा भुना रहा है और पायलट को पार्टी के बाग़ी के रूप में पेश कर रहा है। 

लेकिन चंद घंटों में सियासी माहौल बदल गया। मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला सामने आए और उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान हर मुद्दे का हल निकालने के लिए तैयार है और पिछले 48 से 72 घंटों में पायलट की कांग्रेस नेतृत्व के साथ कई बार बातचीत हुई है। 

थोड़ी ही देर में ख़बर आई कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोर्चा संभाल लिया है और वह गहलोत और पायलट दोनों से बात कर रही हैं।

यह भी ख़बर आई कि ख़ुद पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल, महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी सचिन पायलट से बात की है। 

ताज़ा ख़बरें

इसके अलावा राहुल गांधी के क़रीबी राजीव साटव सहित कुछ और नेताओं को जयपुर भेजकर इस मसले को जल्द से जल्द सुलझाने और पार्टी द्वारा पायलट से जल्द जयपुर लौटने के लिए कहे जाने की भी चर्चा चली। 

यह भी कहा गया कि पायलट की शर्तों पर भी पार्टी बात करेगी जिसमें उन्होंने कथित रूप से वित्त, गृह जैसे अहम विभागों की मांग करने के साथ ही अपने समर्थक विधायकों को मंत्री बनाने की मांग की है। साथ ही थोड़ी देर में प्रदेश कांग्रेस के दफ़्तर में एक बार फिर पायलट के पोस्टर लग गए। 

यहां सवाल यह उठता है कि खुलकर बग़ावत करने के बाद भी कांग्रेस आलाकमान आख़िर पायलट को क्यों मना रहा है। इसका उत्तर सीधा है। मध्य प्रदेश और कर्नाटक में सरकार गिरने से चोट खाया पार्टी नेतृत्व और सियासी जोख़िम नहीं लेना चाहता।

कांग्रेस आलाकमान यह कभी नहीं चाहेगा कि सचिन पायलट की बग़ावत के कारण राजस्थान में सरकार की विदाई हो जाए। क्योंकि पायलट अगर 20 विधायक भी साथ ले गए और बीजेपी ने कुछ और विधायक तोड़ लिए तो सरकार गिरनी तय है। इसीलिए पार्टी आलाकमान चाहता है कि पायलट के साथ बातचीत हो और इस आग को यहीं बुझा दिया जाए। 

राजस्थान से और ख़बरें

बातचीत ही एकमात्र रास्ता 

ऐसे ख़राब हालात में कांग्रेस आलाकमान के पास बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। उसे गहलोत और पायलट के साथ बातचीत कर इस मसले को यहीं ख़त्म करना होगा क्योंकि थोड़ी सी भी सख़्ती दिखाने का सीधा मतलब यही होगा कि अपनी एक और राज्य सरकार को गंवा देना। ज्योतिरादित्य सिंधिया वाले मामले में ऐसे आरोप लगे कि आलाकमान ने सिंधिया से बात तक नहीं की, पार्टी नेतृत्व नहीं चाहता कि ऐसे आरोप फिर से लगें। 

इस मुद्दे पर देखिए, वरिष्ठ पत्रकारों की चर्चा। 

साथ ही कांग्रेस आलाकमान यह संदेश भी नहीं देना चाहता कि उस पर यह आरोप लगें कि उसकी संवादहीनता के कारण एक के बाद एक युवा नेता पार्टी को छोड़कर जा रहे हैं। क्योंकि पायलट अगर जाते हैं तो बीजेपी कांग्रेस पर ऐसे आरोप लगाकर हमला कर सकती है, इसलिए पार्टी ने तय किया है कि बीजेपी को ऐसा कोई मौक़ा न दिया जाए कि उसके नेतृत्व पर सवाल खड़े हों। 

कुल मिलाकर कांग्रेस आलाकमान ने संयम और समझदारी दिखाते हुए कर्नाटक और मध्य प्रदेश वाली कहानी यहां नहीं होने देने के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया है। अब देखना यह होगा कि वह अपनी कोशिश में कितना सफल हो पाता है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
पवन उप्रेती
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजस्थान से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें