चाहे जो कर लो, चाहे जितना एक्सपोज़ कर दो, झूठ तो हम बोलेंगे ही, फ्रॉड तो हम करेंगे ही। रुकेंगे नहीं। आप ही बताइए अगर हम झूठ नहीं बोलेंगे, जालसाजी नहीं करेंगे तो, फिर यह काम हमसे बेहतर कौन करेगा? जितना फर्स्ट क्लास झूठ बोलना हमें आता है, किसी और को आता है? अब चुनाव आयोग को नहीं मिले बिहार में घुसपैठिए तो वह जाने, यह उसकी नालायकी है! अभी आधे बिहार में वोट पड़नेवाले हैं जनाब, घुसपैठियों वाला झूठ तो हम बोलेंगे ही बोलेंगे। हमने हर जगह यह झूठ बोला है तो बिहार को क्यों छोड़ देंगे? आखिर बिहार भी तो अपना है!
चुनाव आयोग को घुसपैठिये नहीं मिले तो क्या, झूठ तो हम बोलेंगे ही!
- व्यंग्य
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- 9 Nov, 2025


प्रतीकात्मक तस्वीर
व्यंग्य: जब चुनाव आयोग की रिपोर्ट में घुसपैठ का कोई सबूत नहीं मिला, तब भी नेताओं ने सियासी फायदा उठाने के लिए झूठ की नई कहानियाँ गढ़ लीं। लोकतंत्र में सच की जगह झूठ के जलसे कैसे हो गए- पढ़िए यह चुभता हुआ राजनीतिक व्यंग्य।
हम 'असत्य वीर' जब झूठ के मैदान में उतरते हैं तो फिर पीछे नहीं हटते। इस देश और इसके बचे-खुचे लोकतंत्र की ऐसी-तैसी करके ही हम दम लेंगे। अभी तो ट्रेलर ही देखा है तुमने। फिल्म तो अभी हमने रिलीज ही नहीं की है। जब रिलीज करेंगे तो अच्छे-अच्छों के होश उड़ जाएंगे!






















