पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी समाचार और सोशल मीडिया चैनलों पर लगाया गया प्रतिबंध आंशिक रूप से हट गया है। हम टीवी, एआरवाई डिजिटल और हर पल जियो जैसे पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल भारत में दिखने शुरू हो गए हैं। मावरा होकेन, युमना जैदी जैसे सितारों के इंस्टाग्राम अकाउंट फिर से भारत में खुल रहे हैं, लेकिन फवाद खान और महिरा खान जैसे बड़े नाम अभी भी ब्लॉक हैं! हालाँकि, सरकार की ओर से अभी तक इस तरह की कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। क्या यह भारत-पाक तनाव में नरमी का संकेत है या सियासी खेल का नया दाँव?

भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले का ज़िम्मेदार पाकिस्तान को ठहराया और 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस सैन्य कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के बुनियादी ढांचे को तबाह किया गया। 
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इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक और सांस्कृतिक संबंधों को और सख्त करते हुए कई क़दम उठाए। इनमें पाकिस्तानी समाचार चैनलों, यूट्यूब चैनलों और सोशल मीडिया अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाना शामिल था। कई पाकिस्तानी अभिनेताओं और हस्तियों, जैसे मावरा होकेन, युमना जैदी, अहद रजा मीर और दानिश तैमूर के इंस्टाग्राम अकाउंट्स को भारत में ब्लॉक कर दिया गया था। इसके अलावा, फवाद खान और हानिया आमिर जैसे कलाकारों की फ़िल्मों की रिलीज को भी भारत में रोक दिया गया था।

इस बीच 2 जुलाई को भारत में यूज़रों ने देखा कि हम टीवी, एआरवाई डिजिटल और हर पल जियो जैसे कई पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल फिर से भारत में स्ट्रीम होने लगे हैं। साथ ही, मावरा होकेन, युमना जैदी, अहद रजा मीर, दानिश तैमूर और शाहिद अफरीदी जैसे कुछ पाकिस्तानी हस्तियों के इंस्टाग्राम अकाउंट्स भी भारत में फिर से उपलब्ध हो गए।

हानिया आमिर का इंस्टाग्राम एकाउंट

हालाँकि, यह प्रतिबंध पूरी तरह से नहीं हटा है। फवाद खान, महिरा खान, हानिया आमिर, आतिफ असलम और वहाज अली जैसे प्रमुख पाकिस्तानी सितारों के इंस्टाग्राम अकाउंट्स अभी भी भारत में ब्लॉक हैं, और इनके पेज पर 'Account not available in India' का संदेश दिखाई देता है। यह आंशिक उलटफेर बिना किसी आधिकारिक घोषणा के हुआ है।

इस फ़ैसले के बाद भारत में मिलीजुली प्रतिक्रियाएँ आईं। कुछ प्रशंसकों ने इसे सकारात्मक क़दम बताया। खासकर वे लोग जो पाकिस्तानी ड्रामों और सितारों के प्रशंसक हैं। एक भारतीय यूज़र ने लिखा, 'यह अच्छा है कि प्रतिबंध हटा, अब पाकिस्तानी उद्योग को और बेहतर कंटेंट पर ध्यान देना चाहिए।' वहीं, कुछ ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि कला और मनोरंजन को सीमाओं से परे जोड़ने का काम करना चाहिए।
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सिने वर्कर्स एसोसिएशन की पूर्ण प्रतिबंध की मांग

दूसरी ओर, ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन यानी एआईसीडब्ल्यूए ने इस फ़ैसले की कड़ी आलोचना की है। इसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पाकिस्तानी सामग्री पर पूर्ण और स्थायी प्रतिबंध की मांग की है। संगठन ने इसे आतंकवाद के शिकार परिवारों पर भावनात्मक हमला करार दिया और कहा कि यह पहलगाम हमले में शहीद हुए लोगों की बलिदान का अपमान है।

ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाक संबंध

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुँच गया था। भारत ने न केवल सैन्य कार्रवाई की, बल्कि सिंधु जल संधि और शिमला समझौते को निलंबित करने और करतारपुर कॉरिडोर को बंद करने जैसे राजनयिक और व्यापारिक क़दम भी उठाए। इस दौरान भारत ने 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया था, जिनमें कुछ समाचार और मनोरंजन चैनल शामिल थे।

हालाँकि, मई में दोनों देशों के बीच एक तत्काल युद्धविराम समझौता हुआ, जिसके बाद से तनाव में कुछ कमी आई। इस युद्धविराम और अब डिजिटल प्रतिबंधों को आंशिक रूप से हटाने को कुछ लोग तनाव कम करने की दिशा में एक कदम मान रहे हैं। 
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आगे क्या होगा?

इस आंशिक उलटफेर ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या यह भारत की नीति में बदलाव का संकेत है, या केवल एक चुनिंदा छूट? मेटा और भारतीय सरकार ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, जिससे अनिश्चितता बढ़ गई है। कुछ जानकारों का मानना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और मनोरंजन के क्षेत्र में सहयोग की संभावना को फिर से खोल सकता है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के कारण यह अभी भी विवादास्पद बना हुआ है।