सोशल मीडिया पर धार्मिक उन्माद फैलाने और किसी धर्म विशेष के ख़िलाफ़ नफ़रत और डर का माहौल बनाने वालों के ख़िलाफ अदालत ने सख़्त रवैया अपनाया है। तेलंगाना हाई कोर्ट ने ट्विटर से कहा है कि वह बताए कि जब कुछ लोग इसके प्लैटफ़ॉर्म का इस्तेमाल कर इसलाम के ख़िलाफ़ नफ़रत फैला रहे थे, वह चुप क्यों रहा? अदालत ने इस अमेरिकी कंपनी से यह भी पूछा है कि उसने पहले दिये नोटिस का जवाब क्यों नहीं दिया।