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क्या आईपीएल में रोहित शर्मा हैं अर्जुन और महेंद्र सिंह धोनी द्रोणाचार्य?

आईपीएल के शुरुआत में मुंबई इंडियंस धोनी की चेन्नई किंग्स को हराने के लिए जूझती थी, लेकिन जबसे रोहित ने कप्तानी संभाली हैं, उन्होंने धोनी के पसीने छुड़ा दिये हैं। पिछले 5 मुक़ाबलों में अगर धोनी ने रोहित के ख़िलाफ़ जीत का मुँह नहीं देखा है तो पिछले 10 मैचों में सिर्फ 2 मैचों में धोनी को जीत मिली है। 

विमल कुमार
हिंदी में एक मशहूर कहावत है, ‘गुरु गुड़ और चेला चीनी’। ऐसा अक्सर उस संदर्भ में कहा जाता है जब विधार्थी अपने शिक्षक से भी बेहतर नज़र आने लगता है। कप्तानी के मामले में महेंद्र सिंह धोनी की विरासत को भारतीय क्रिकेट तो क्या अतंरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी कोई चुनौती नहीं दे सकता है। लेकिन बात जब आईपीएल की आती है तो धोनी के चेले रोहित शर्मा उनसे इक्कीस नज़र आते हैं। 

आईपीएल के शुरुआत में मुंबई इंडियंस धोनी की चेन्नई किंग्स को हराने के लिए जूझती थी, लेकिन जबसे रोहित ने कप्तानी संभाली हैं, उन्होंने धोनी के पसीने छुड़ा दिये हैं। पिछले 5 मुक़ाबलों में अगर धोनी ने रोहित के ख़िलाफ़ जीत का मुँह नहीं देखा है तो पिछले 10 मैचों में सिर्फ 2 मैचों में धोनी को जीत मिली है। 

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एक सी कप्तानी

दोनों कप्तानों की सोच लगभग एक जैसी है। अगर आईपीएल ऑक्शन के दौरान रोहित शर्मा ऑस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज़ नेथन कूल्टर नाइल को हर कीमत (8 करोड़) पर लेने के लिए बेताब थे तो धोनी ने सारे तर्कों को किनारा करते हुए पुराने साथी पीयूष चावला को अपनी टीम में शामिल करने के लिए करीब 7 करोड़ का जुआ खेल दिया। 

दोनों कप्तान आईपीएल के पांरपरिक सोच यानी पहले 6 ओवर में धड़ाधड़ चौके-छक्के जड़ने की बजाए विकेट बचाने में यकीन रखते हैं। अगर रोहित 7-15 ओवर के बीच में रन रेट की भरपाई करते हैं तो धोनी आखिरी 5 ओवर्स में।

मैच बदलने की क्षमता

लेकिन, दोनों कप्तानों को इस बात का अहसास है कि एक-दूसरे के ख़िलाफ़ बल्ले से वे मैच का नतीजा बदल सकते हैं। इसलिए पिछले कुछ सीज़न से अगर मुंबई के ख़िलाफ़ धोनी का औसत और स्ट्राइक रेट महज 25 और 102.9 का है तो रोहित भी धोनी के ख़िलाफ़ अपना जलवा नहीं बिखेर पाते हैं। 25 का औसत और 130 से कम का स्ट्राइक रेट 2017 से अब तक है।
अगर धोनी मिड्ल ओवर्स में विरोधी पर काबू पाने के लिए रवींद्र जडेजा की किफायती गेंदबाज़ी (.57 रन की इकोनोमी रेट) का इस्तेमाल करते हैं तो रोहित ने धोनी जैसा ही फॉर्मूला अपनाते हुए कुणाल पांड्या को तैयार किया है जिसकी इकोनोमी रेट 7.16  है। 

गेंदबाजी पर भरोसा

गेंदबाज़ी के ट्रंप कार्ड के तौर पर रोहित जहाँ जसप्रीत बुमराह पर भरोसा करते हैं तो धोनी इमरान ताहिर जैसे लेग स्पिनर पर यकीन रखते हैं। लेकिन समानता यह है कि ये दोनों गेंदबाज हमेशा ज़रूरत पड़ने पर अपने कप्तानों को विकेट देते हैं और दोनों का आईपीएल में गेंदबाज़ी रिकॉर्ड लगभग एक जैसा ही है।

ऑल राउंडर्स के मामले में भी धोनी और रोहित वेस्टइंडीज़ क करिश्माई खिलाड़ियों पर निर्भर रहते हैं। अगर रोहित के पास काइरन पोलार्ड हैं तो धोनी के पास ड्वेन ब्रावो। लगभग एक जैसे हथियार।
यहाँ तक कि कोच के मामलें में भी धोनी और रोहित की पंसद एकदम एक जैसी है। अगर धोनी का साथ स्टीफ़न फ्लेमिंग जैसे एक पूर्व कप्तान दे रहे हैं तो रोहित ने माहेला जयावर्दने जैसे शांत पूर्व कप्तान की मदद ली है। फ्लेमिंग ने तीन ट्रॉफी जीती है तो जयावर्दने ने दो। 

आईपीएल ट्रॉफी के मामले में धोनी भले ही रोहित से पीछे हों, लेकिन निरंतरता के मामले में काफी आगे। 10 सीज़न में धोनी की चेन्नई ने 8 बार फ़ाइनल खेला है। अंतिम 4 में हर बार पहुँचने वाली आईपीएल इतिहास की इकलौती टीम धोनी की ही।

मुकद्दर का सिकंदर

धोनी को भले ही मुकद्दर का सिंकदर कहा जाता हो. लेकिन आईपीएल में किस्मत ने रोहित का साथ ज़्यादा दिया है, क्योंकि 2 मौके पर धोनी से उन्होंने ट्रॉफ़ी 1-1 रनों के अंतर से छीन ली है। 

Will Chennai Super Kings of Chennai Super Kings of Mahendra Singh Dhoni beat Mumbai Indians, Rohit Sharma in IPL? - Satya Hindi
तो क्या हुआ यदि इस बार धोनी के पास उनके सबसे अनुभवी और कामयाब बल्लेबाज़ सुरेश रैना नहीं हैं? तो क्या हुआ अगर धोनी के पास उनके सबसे अनुभवी और कामयाब स्पिनर हरभजन सिंह नहीं हैं?
 तो क्या हुआ धोनी की टीम के पास 5 ऐसे खिलाड़ी है जिनकी उम्र 35 साल से ज़्यादा है और उनका प्लेइंग इलेवन में खेलना तय है और उनका हालिया फॉर्म बहुत अच्छा नहीं है? अगर रोहित को रणभूमि में कोई मात दे सकता है तो शायद उसके गुरु द्रोण ही। 

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