loader
मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह

मणिपुर में पुलिस वर्दी में हो रहे हैं हमले, फिर 3 हत्याएं

पुलिस और आईआरबी की वर्दी पहने लोगों ने शुक्रवार को मणिपुर में फिर हिंसा की है। इस बार कांगपोकपी जिले को निशाना बनाया गया है। यहां पर एक बुजुर्ग महिला समेत तीन लोगों की हत्या हो चुकी है। मणिपुर का हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वायुसेना प्रमुख ने दौरा किया था लेकिन मणिपुर के हालात संभल नहीं रहे हैं। राज्य में मेइती और कुकी लोगों के बीच पिछले दो महीने से संघर्ष चल रहा है। भाजपा शासित इस राज्य में इतनी जातीय हिंसा कभी नहीं हुई थी। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक यह हमला मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह के इस बयान के कुछ देर बाद हुआ कि राज्य में 48 घंटे से हिंसा नहीं हुई। पिछले एक महीने से अधिक समय से जातीय संघर्षों ने राज्य को हिला कर रख दिया है।

ताजा ख़बरें
कुकी लोगों की बस्ती खोकेन गांव के निवासियों ने आरोप लगाया कि हथियारबंद लोग सुबह करीब 4 बजे आए और गांव में करीब दो घंटे तक रुके रहे और गोलियां चलाईं। पुलिस ने तीन लोगों के मारे जाने और दो के घायल होने की पुष्टि की, लेकिन उन्होंने घटना का विवरण नहीं दिया। 
खोकेन इंफाल पश्चिम के साथ कांगपोकपी जिले की सीमा पर स्थित है। इंफाल पश्चिम जिले के अंतर्गत आने वाले संगाईथेल से यह गांव महज एक किलोमीटर की दूरी पर है। खोकेन के निवासियों ने मारे गए तीनों लोगों की पहचान 65 वर्षीय डोमखोहोई, 52 वर्षीय खाइजामंग गुइते और 40 वर्षीय जंगपाओ तौथांग के रूप में की है। 
इंडियन एक्सप्रेस को गांव के निवासी और डोमखोई के छोटे भाई थोंगखुप डोंगल ने कहा कि तड़के करीब 40 लोग गांव में दाखिल हुए थे। वे अरामबाई तेंगगोल के सदस्यों और पुलिस और आईआरबी की वर्दी में थे। आते ही उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। करीब दो घंटे तक फायरिंग चलती रही। हमने गांव खाली किया और नजदीकी सीआरपीएफ कैंप गए और उन्हें जानकारी दी. सीआरपीएफ और गोरखा रेजीमेंट के गांव में आने के बाद ही हमलावर निकले। वे पांच जिप्सी में निकले जिन्हें हमने देखा कि वे पुलिस वाहन थे।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने आरोप लगाया कि यह हमला सेना की वर्दी में छिपे घाटी के विद्रोहियों द्वारा किया गया था। फोरम ने कहा कि मारे गए लोग नागरिक थे। आदिवासी संगठन ने कहा, "कुकी-ज़ो के ग्रामीणों ने हमलावरों की असली पहचान पर संदेह नहीं किया और यह मानते हुए कि यह एक तलाशी अभियान था, उन्होंने रास्ता दिया, लेकिन ऑटोमेटिक राइफल से फायर किया गया, जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीणों की दुखद मौत हो गई।" 
घटना के जवाब में, जनजातीय एकता सदर हिल्स समिति, जिसने पहले आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही की अनुमति देने के लिए NH-2 पर नाकाबंदी हटाने का फैसला किया था, ने राष्ट्रीय राजमार्ग को फिर से बंद करने का फैसला किया।

राज्य से और खबरें

इस बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने छह एफआईआर फिर से दर्ज की हैं और एक डीआईजी-रैंक अधिकारी के तहत एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जो मणिपुर में मेइती और कुकी के बीच जातीय हिंसा से संबंधित मामलों की जांच के लिए है, जिसमें लगभग 100 लोगों की जान चली गई है। एसआईटी में 10 अधिकारी शामिल हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राज्य से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें