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प्रतीकात्मक तस्वीर।

मणिपुर हिंसा में पाँच मैतेई की हत्या; म्यामांर के आतंकवादी घुसे?

मणिपुर हिंसा में पाँच और लोगों की जान चली गई। सशस्त्र हमलावरों के हमले में दो पुलिसकर्मियों के मारे जाने के एक दिन बाद गुरुवार को मणिपुर में गोलीबारी की दो अलग-अलग घटनाएँ हुईं। इसमें मैतेई समुदाय के पांच लोग मारे गए। इसके अलावा मणिपुर में म्यांमार के आतंकवादियों की उपस्थिति की भी खुफिया जानकारी सामने आयी है और सतर्क किया गया है कि वे सुरक्षा बलों पर हमला कर सकते हैं। हालाँकि, अभी तक विदेशी आतंकवादियों की संलिप्तता के कोई सबूत नहीं मिले हैं।

गुरुवार को मैतेई बहुल और कुकी बहुल जिलों की सीमा पर अलग-अलग इलाकों में गोलीबारी हुई। इन्हीं घटनाओं में मैतेई लोगों के मारे जाने की रिपोर्ट है। पुलिस के अनुसार, गुरुवार को एक शव मिला जिसके बुधवार देर रात इंफाल पश्चिम और कांगपोकपी जिले की सीमा पर कांगचुप में हथियारबंद बदमाशों के बीच गोलीबारी में मारे जाने की आशंका है। बिष्णुपुर जिले में हुई गोलीबारी की एक अलग घटना में चार लोग मारे गए। 

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द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मारे गए चार लोगों की पहचान ओइनम बामलजाओ और उनके बेटे ओइनम मैनिटोम्बा, और थियाम सोमेन और निंगथौजाम नेता के रूप में की गई। इसके अलावा बुधवार रात घाटी के थौबल जिले में पुलिस प्रतिष्ठानों से हथियार लूटने की कोशिश की गई, जिसमें बीएसएफ के तीन जवान गोली लगने से घायल हो गए।

भीड़ ने थौबल के खंगाबोक में तीसरी भारतीय रिजर्व बटालियन और थौबल पुलिस मुख्यालय को निशाना बनाया। दोनों अवसरों पर, सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पीछे धकेल दिया, लेकिन थौबल पुलिस मुख्यालय में, तीन बीएसएफ कर्मियों को गोली लग गई जब भीड़ ने उन्हें पीछे धकेलते समय गोलियां चला दीं।

मणिपुर में विदेशी आतंकवादियों की उपस्थिति की जानकारी भी सामने आई है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने आरोप लगाया कि मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह में पुलिस कमांडो पर हुए हमले में म्यांमार के कुछ उग्रवादी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें म्यांमार स्थित आतंकवादियों के शामिल होने की संभावना है, लेकिन अभी तक कोई सबूत नहीं है। उन्होंने बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा, 'ऐसी संभावना है कि वे (म्यांमार के विद्रोही) आए होंगे, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है। ऐसी खुफिया जानकारी है कि पीडीएफ इसमें शामिल हो सकता है, मोरेह में राज्य बलों पर हमला कर सकता है।'
उन्होंने म्यांमार के विद्रोही समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स यानी पीडीएफ का जिक्र करते हुए कहा कि मोरेह में सक्रिय पीडीएफ विद्रोही, और शायद बर्मा की ओर से कुछ अतिरिक्त सैनिक भी मोरेह में राज्य बलों पर हमला कर सकते हैं।

हालाँकि उन्होंने यह भी कहा, 'राज्य बल तैयार हैं। हमले कई दिनों से हो रहे हैं, लेकिन गोलियों की आवाज आसपास के इलाकों से नहीं बल्कि दूर-दराज के इलाकों से आ रही है।' 

राज्य की राजधानी इंफाल से 110 किमी दूर मोरेह में बुधवार को कार्रवाई में दो कमांडो मारे गए थे। कुलदीप सिंह ने कहा कि बुधवार को सुबह-सुबह बड़ी संख्या में कुकी उग्रवादियों ने तीन स्थानों पर कमांडो चौकियों पर गोलीबारी शुरू कर दी।

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गुरुवार शाम इंफाल में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कुकी समूहों की धमकी के बाद खुफिया जानकारी इकट्ठा की गई थी कि मोरेह में तैनात मणिपुर पुलिस कमांडो को निशाना बनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 'खुफिया जानकारी कुछ दिनों से थी, क्योंकि कूकी इंपी और सीएसओ और कई अन्य लोग मोरेह में सुरक्षा स्थानों पर आ रहे थे और वे कह रहे थे कि सीडीओ (कमांडो) को वहां से हटा दिया जाना चाहिए। यदि सीडीओ को स्थानांतरित नहीं किया गया, तो सीडीओ को निशाना बनाया जाएगा।' कुलदीप सिंह के बयान से कुकी लोगों का विरोध बढ़ सकता है क्योंकि उन्होंने कुकी समुदाय पर हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

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क़मर वहीद नक़वी
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