माओवादियों का दंडकारण्य से नेपाल तक का लाल गलियारा उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली से होकर गुजरता है।
बीजापुर में रिहा किये गए जवान को सकुशल वापस लाने के पीछे जो शख्स हैं, वह हैं 92 साल के युवा और बस्तर के ताऊ जी धर्मपाल सैनी। उन्हें बस्तर का गांधी कहा जाता है। वे
छत्तीसगढ़ के बस्तर में बीते शनिवार को माओवादियों और केंद्रीय सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ के दौरान माओवादियों ने जिस कमांडो का अपहरण कर लिया था, उसे गुरूवार शाम को छोड़ दिया है।
बीजापुर में हुए नक्सली हमले में 22 जवानों के शहीद होने और 12 के जख्मी होने से देश स्तब्ध है।