प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान दिवस पर वंशवादी राजनीति की बात क्यों की? चुनावी फायदों के लिए या फिर प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार इससे लोकतंत्र को ख़तरा है?
29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में भी क्या सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी बनी रहेगी?