केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने उस बयान पर सफाई दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पहले से ही एमएसएमई का 5 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का बकाया है।
कोरोना संकट के कारण किसान, मजदूर सरकार से तुरंत राहत की उम्मीद लगाए बैठा है लेकिन उसे लंबे-चौड़े भाषणों के सिवा कुछ नहीं मिल रहा है।
बीस लाख करोड़ का पैकेज, इतिहास में सबसे बड़ा! मगर ग़रीबों और मिडिल क्लास को क्या मिला? आलोक अड्डा में आशुतोष और वरिष्ठ आर्थिक विशेषज्ञ टीसीए श्रीनिवास राघवन और बिज़नेस स्टैंडर्ड के संपादकीय निदेशक ए के भट्टाचार्य से बातचीत!
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज में कृषि, पशुपालन, मछली पालन, डेयरी उद्योग के लिए क्या है, इस बारे में बताया।
आखिर किसान मजदूर को मिला क्या ? क्या सरकार उनकी तकलीफ समझ भी रही है ? आशुतोष के साथ चर्चा में आलोक जोशी, विजय त्रिवेदी, हरजिंदर।
वित्त मंत्री ने किसानों के लिए नाबार्ड के जरिए 30 हज़ार करोड़ रुपये के फ़ंड का एलान किया। उन्होंने कहा कि इससे 3 करोड़ छोटे व मझोले किसानों को फ़ायदा मिलेगा।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि निर्मला सीतारमण के भाषण में लाखों ग़रीबों, भूखे ही अपने घरों की ओर जा रहे हज़ारों प्रवासी मजदूरों के लिए कुछ नहीं था।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए केंद्र सरकार ने 6 क़दम उठाए हैं।
विश्व के तमाम देशों ने कोरोना से जूझने के लिए राहत पैकेज का एलान किया है। भारत सरकार ने भी कोविड-19 के कारण हुई देशबंदी से राहत देने के लिए 1,70,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है।