ईरान के उप विदेश मंत्री ने मडिया से बात करते हुए कहा -कि अगर अमेरिका फिर से वार्ता शुरू करना चाहता है, तो उसे ईरान पर आगे किसी भी हमले की संभावना से साफ़ इनकार करना होगा।
सीज़फायर के बाद पहले बयान में ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने अमेरिका और इसराइल पर तीखा हमला बोला। बोले- अमेरिका को ज़ोरदार थप्पड़ मारा गया, और ईरान जब चाहे उसके सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकता है।
22 जून 2025 को अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया। ईरान ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। तनाव बढ़ रहा है, अब रूस की भूमिका पर सवाल है. पुतिन क्या करेंगे? ट्रंप को घर में विरोध का सामना क्यों करना पड़ रहा है?
ईरान और रॉयटर्स ने इन खबरों की पुष्टि की है कि ईरान के इस्फहान शहर पर ड्रोन से हमला हुआ है। इस्फहान में ईरान के परमाणु ठिकाने भी हैं। जानिए ड्रोन हमलों के दौरान क्या हुआ।
ईरान के परमाणु-वैज्ञानिक मोहसिन फख्रीजाद की हत्या एक ऐसी घटना है, जो ईरान-इस्राइल संबंधों में तो भयंकर तनाव पैदा करेगी ही, यह बाइडन-प्रशासन के रवैए को भी प्रभावित कर सकती है।
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डोनल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमला नहीं कर परिपक्वता दिखाई है और उससे खाड़ी संकट फिलहाल टल गया है।
मोदी सरकार को ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनई से तो बात करनी ही चाहिए कश्मीर के मुद्दे पर भी नई पहल करने की ज़रूरत है।
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ईरानी कमान्डर कासिम सुलेमानी की अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत से पहले से बदहाल भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक और चोट पड़ेगी, यह तय है। यह संकट बजट के ठीक पहले आ रहा है।
ईरानी कमान्डर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद सवाल उठान स्वाभाविक है कि तेहरान कब और कहां अमेरिकी ठिकानों पर हमला करता है।
मध्य पूर्व में तनाव बढ़ता ही जा रहा है। ईरान के साथ पहले से चल रहे संकट के बीच ही ईरान ने 1 हज़ार अतिरिक्त सैनिकों को वहाँ भेजने का फैसला किया है।