केंद्र सरकार आख़िर कई राज्यों से 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने को क्यों कहा है? इस अभ्यास का मक़सद क्या है? जानिए इस मॉक ड्रिल के बारे में।
भारत सरकार ने गृह मंत्रालय के सहयोग पोर्टल से पाँच महीनों में 130 सेंसरशिप आदेश जारी किए गए। जिनमें ऑनलाइन सामग्री को टारगेट किया गया। दूसरी तरफ भारत में अभिव्यक्ति की पूरी आजादी के दावे किए जाते हैं।
मणिपुर में हिंसा के बीच AFSPA को आगे के लिए क्यों बढ़ाया गया? सरकार के इस फैसले के पीछे क्या कारण हैं, और इसका राज्य की स्थिति पर क्या असर पड़ेगा? पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स से चुनाव, केंद्रीय मंत्रियों और तमाम सरकारी विभागों के खिलाफ कंटेंट हटाने के लिए नोटिस जारी किए। द हिन्दू अखबार के मुताबिक लगभग 30% ऐसे नोटिस भेजे गए थे। भारत में अभिव्यक्ति की आजादी के मद्देनजर यह रिपोर्ट चौंकाने वाली है।
कोचिंग सेंटर में यह घटना पास के नाले के फटने के बाद हुई। इसमें यूपी की श्रेया यादव, केरल के निविन दलविन और तेलंकाना की तान्या सोनी की जान चली गई।
देश में 21वीं सदी की चुनौतियों को देखते हुए नीति और प्रमुख मुद्दों पर गहन शोध करने वाला थिंक-टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च अब कैसे काम करेगा? जानिए, इस पर गृह मंत्रालय ने कार्रवाई क्यों की।
आरुषि, सुशांत सिंह राजपूत, रिया चक्रवर्ती, आर्यन ख़ान जैसे लोगों के मामले में जिस तरह का 'मीडिया ट्रायल' हुआ, क्या अब इस पर रोक लगेगी? जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने क्या निर्देश दिया है।
मणिपुर में बड़े पैमाने पर हिंसा के बाद अनुच्छेद 355 लगाया गया है या नहीं, इसको लेकर राज गहरा गया है? जानिए, आख़िर यह अनुच्छेद क्या है और मणिपुर पर स्थिति साफ़ क्यों नहीं है।
एफसीआरए की वेबसाइट से एनजीओ का कुछ अहम डाटा क्यों हटा दिया गया। इसके पीछे मंत्रालय ने क्या वजह बताई है?