सत्ता से टकराने वाला पत्रकारिता का दौर खत्म होगा?
भारतीय पत्रकारिता का एक लंबा दौर रहा है जिसने रामनाथ गोयनका जैसे जुझारू मालिक के साथ राहुल बारपुते ,बीजी वर्गीज ,मुलगांवकर ,कुलदीप नैयर ,प्रभाष जोशी ,राजेंद्र माथुर ,एसपी सिंह जैसे दिग्गज पत्रकारों का दौर देखा है .इसके बाद भी सत्ता से दो दो हाथ करने वाले पत्रकारों का दौर आया .क्या यह दौर खत्म हो जाएगा ?