नये संसद भवन पर फ़िज़ूलख़र्ची: डेमोक्रेसी मरती रहेगी, बिल्डिंग चमकती रहेगी!
क्यों चाहिए, एक नयी पार्लियामेंट बिल्डिंग, नया सचिवालय और राजपथ का नया परिदृश्य! सवाल है- क्या नए चमकीले भवनों के निर्माण से हमारी डेमोक्रेसी चमकेगी या लोकतांत्रिक संविधान के तहत काम करने से?