केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनपीआर को अपडेट किए जाने के पीछे क्या वजह बताई है। बताना होगा कि सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान एनआरसी के साथ ही एनपीआर का भी मुद्दा जोर-शोर से उठा था। तो क्या एनपीआर को लेकर फिर से विरोध शुरू होगा?
अमित शाह ने संसद में सफ़ाई क्यों दी कि एनपीआर पर लोगों को कोई डॉक्यूमेंट देने की ज़रूरत नहीं है? एनआरसी लागू करने के लिए दहाड़ने वाले अमित शाह ऐसा क्यों कह रहे हैं? क्या यह मोदी सरकार या ख़ुद प्रधानमंत्री के झुकने का संकेत नहीं है? देखिए आशुतोष की बात।
पूरे देश भर में एनआरसी लागू करने की बात कहकर दहाड़ने वाले गृह मंत्री अमित शाह अब एनपीआर पर क्यों झुक गए हैं? आख़िर संसद में उन्हें क्यों यह कहना पड़ा कि एनपीआर पर कोई कागज दिखाने की ज़रूरत नहीं है।
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा है कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के लिए किसी को कोई काग़ज़ दिखाने की ज़रूरत नहीं होगी न ही किसी को संदिग्द (डाउटफ़ुल या 'डी') श्रेणी में रखा जाएगा।
नागरिकता संशोधन क़ानून की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाते हुए अब 106 सेवानिवृत्त अफ़सरों ने खुला पत्र लिखा है। उन्होंने एनपीआर और एनआरआईसी को ग़ैर ज़रूरी और बेकार बताया।
नागरिकता क़ानून, एनआरसी और एनपीआर पर क्या मोदी सरकार लोगों में भ्रम फैला रही है और यही नीतीश कुमार का जेडीयू भी कर रहा है?
क्या है एनपीआर, क्या यह एनआरसी से जुड़ा हुआ है, इसमें क्या होगा, कौन सी जानकारियाँ एकत्रित की जाएंगी, जानिए इस ख़बर में।