अमित शाह ने संसद में सफ़ाई क्यों दी कि एनपीआर पर लोगों को कोई डॉक्यूमेंट देने की ज़रूरत नहीं है? एनआरसी लागू करने के लिए दहाड़ने वाले अमित शाह ऐसा क्यों कह रहे हैं? क्या यह मोदी सरकार या ख़ुद प्रधानमंत्री के झुकने का संकेत नहीं है? देखिए आशुतोष की बात।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।