कोई मुख्यमंत्री यह नहीं चाहेगा कि पुलिस महानिदेशक नियुक्त करने का अधिकार उसके हाथ से ले लिया जाए, फिर कैसे पुलिस को मिलेगी स्वायत्तता?
पुलिस ये क्या कर रही है? पुलिस को कौन देगा सजा? कब होगा पुलिस सुधार? दिल्ली दंगे के मामले में कोर्ट ने पुलिस पर ठोका जुर्माना। वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण-
सच्चाई यह है कि राजनीतिक नेतृत्व पुलिस से अपना नियंत्रण खोना नहीं चाहता। पुलिस दरअसल सत्ता पर पकड़ बनाए रखने का एक बड़ा औज़ार है।
तमिलनाडु और कानपुर (विकास दुबे पुलिस नरसंहार) में हुई घटनाओं के बाद पुलिस के रवैये और सुधार पर नये सिरे से बहस शुरू हुई है।