पुलिस सुधार दिवस की 15वीं जयंति पर यह सवाल उठता है कि 22 सितंबर 2006 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अब तक क्यों लागू नहीं किया गया है? पुलिस को अधिक कुशल, बाहरी दबावों से मुक्त और जनता की ज़रूरतों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने के लिए किए जाने वाले सुधारों के रास्ते में क्या अड़चनें हैं?
पुलिस सुधार पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश 15 साल बाद भी लागू क्यों नहीं?
- देश
- |
- |
- 23 Sep, 2021

कोई मुख्यमंत्री यह नहीं चाहेगा कि पुलिस महानिदेशक नियुक्त करने का अधिकार उसके हाथ से ले लिया जाए, फिर कैसे पुलिस को मिलेगी स्वायत्तता?
सर्वोच्च न्यायालय ने पहला निर्देश यह दिया था कि पुलिस प्रमुख का चयन संघ लोक सेवा आयोग द्वारा तैयार सबसे वरिष्ठ तीन पुलिस अफ़सरों की सूची से ही किया जाए। दूसरा निर्देश यह था कि ऑपरेशनल पदों पर तैनात पुलिस अफ़सरों के पद पर बने रहने की मियाद तय की जाए।
सर्वोच्च न्यायालय ने पुलिस इस्टैब्लिशमेंट बोर्ड के गठन का भी आदेश दिया था जिसमें पुलिस महानिदेशक और दूसरे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हों और इन्हें डिप्टी पुलिस सुपरिंटेंडेंट (डीएसपी) से नीचे के रैंक पर नियुक्ति करने का अधिकार हो। इससे पुलिस में स्वायत्तता बढ़ेगी।
यशोवर्द्धन आज़ाद भारतीय पुलिस सेवा के रिटायर्ड वरिष्ठ अधिकारी है। वे फ़िलहाल डीपस्ट्रैट के अध्यक्ष हैं।