यूपी के विकास दुबे एनकाउंटर और उससे पहले तमिलनाडु में पिता-पुत्र की पुलिस हिरासत में मौत के मामले ने पुलिस को एक बार फिर सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। पुलिस के कामकाज और उसके चरित्र को लेकर बहस छिड़ गई है।