अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूस के व्यापारिक साझेदारों पर 500% टैरिफ़ लगाने की धमकी के बीच भारत का जून में रूसी तेल आयात 11 महीने के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया। यह ख़बर तब आई है जब अमेरिकी सीनेट में एक नया बिल भारत जैसे देशों के लिए चिंता का सबब बन रहा है, जो रूस से सस्ता तेल खरीदकर अपनी ऊर्जा ज़रूरतें पूरी कर रहे हैं। क्या भारत की यह रणनीति ट्रंप के टैरिफ़ तूफ़ान का सामना कर पाएगी या देश को महंगे तेल और आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ेगा?
भारत का रूसी तेल आयात रिकॉर्ड स्तर पर; ट्रंप की 500% टैरिफ़ धमकी का क्या होगा?
- अर्थतंत्र
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- 4 Jul, 2025
भारत ने पिछले 11 महीनों में सबसे अधिक रूसी तेल आयात किया है, वहीं ट्रंप ने 500% टैरिफ़ लगाने की चेतावनी दी है। क्या इससे भारत की ऊर्जा रणनीति और रूस से रिश्ते प्रभावित होंगे? जानिए पूरी रिपोर्ट।

इस सवाल का जवाब पाने से पहले यह जान लें कि भारत के तेल आयात को लेकर स्थिति क्या है। भारत ने जून महीने में रूस से रिकॉर्ड मात्रा में कच्चा तेल खरीदा। यह पिछले 11 महीनों में सबसे ज़्यादा है। केपलर नाम की एक कंपनी के आंकड़ों के मुताबिक़, जून में भारत ने रूस से हर दिन 20.8 लाख बैरल तेल आयात किया। यह भारत के कुल तेल आयात का 43% हिस्सा है। यानी इस आँकड़े के हिसाब से रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश है। यह इराक, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों से भी ज़्यादा तेल दे रहा है।