सबसे ज़्यादा बैकलॉग गृह मंत्रालय के आरक्षित वर्ग में है जिसमें अनुसूचित जाति के 5,850, अनुसूचित जनजाति के 5,383 और ओबीसी के 6,260 पद खाली हैं।
केंद्रीय समाज कल्याण मंत्री थावर चंद गहलोत ने लोकसभा में कहा कि केंद्र सरकार का सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से कुछ लेना-देना नहीं है।
अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के सरकारी नौकरियों में और प्रमोशन में आरक्षण को लेकर आये सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ देश भर में आवाज़ उठने लगी है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि आरक्षण देना राज्य सरकारों की इच्छा पर निर्भर करेगा। सभी राज्य और केंद्र सरकारों को इस फ़ैसले पर सख्ती से अमल करना चाहिए।
शीर्ष न्यायालय के फ़ैसले से ऐसा लगता है कि उसने एससी, एसटी और ओबीसी तबक़े को मिलने वाला आरक्षण सरकार के हवाले कर दिया है।